धरती पर स्वर्ग है हिमाचल
-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी
15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश एक मुख्य आयुक्त प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया। इसके बाद से इस प्रांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 25 जनवरी 1971 को इसने पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल किया। आय के सीमित स्रोतों को देखते हुए भी हिमाचल प्रदेश ने जबरदस्त प्रगति की। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में यह आत्मनिर्भर हो गया है और दूसरे राज्यों को भी बिजली बेचता है। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल को बहुत ज्यादा प्रगति मिली है। पढ़ना और लिखना हमारी संस्कृति में है। सेब इसकी मुख्य कृषि है और इसका व्यापार चार हजार करोड़ से भी ज्यादा का है। हिमाचल की राजधानी शिमला को पहाड़ों की रानी कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण यहां सैलानी खिंचे चले आते हैं।
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