Latest news: अरे वाह! पड़ोसी राज्यों को भी ‘सांसें’ दे रहा आईजीएमसी
प्लांट में रोजाना तैयार हो रही 3600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन, भरे जा रहे 250 सिलेंडर
खेमराज शर्मा – शिमला
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में लगा ऑक्सीजन प्लांट हिमाचल समेत पड़ोसी राज्यों पंजाब, जम्मू, चंडीगढ़ के लोगों के लिए भी सांसे दे रहा है। सप्लाई की मांग के हिसाब से यहां पर ऑक्सीजन दी जा रही है। हिमाचल में इस समय ऑक्सीजन की किसी तरह की कमी नहीं है। ऐसे में हिमाचल में शायद ही कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी आए। 1000 के करीब कोविड पेशेंट इस समय प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। बता दें कि आईजीएमसी अस्पताल का अपना ऑक्सीजन का प्लांट है जो प्रतिदिन 3600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन पैदा करता है।
इस प्लांट से प्रतिदिन 250 बड़े सिलेंडर आईजीएमसी में भरे जाते हैं। यह प्लांट 24 घंटे काम करता है। इसी प्लांट से कमला नेहरू अस्पताल और कैंसर अस्पताल को भी ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। आईजीएमसी में ऑक्सीजन प्लांट मार्च, 2017 में स्थापित किया गया था। इससे पहले आईजीएमसी में मंडी जिले से ऑक्सीजन मंगवाई जाती थी। ऑक्सीजन सिलेंडर्स को ट्रक के जरिए ट्रांसपोर्ट किया जाता था। एक ट्रक में 150 से 180 सिलेंडर आते थे। कई बार ट्रक के खराब होने से या बर्फ में रास्ता बंद होने से अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने का डर रहता था। इसी के साथ ट्रक से ऑक्सीजन मंगवाना मंहगा भी साबित होता था। ऐसे में आईजीएमसी में स्थापित प्लांट में ऑक्सीजन तैयार होने से फायदा हुआ है। (एचडीएम)
कोरोना मरीजों के लिए बढ़ेंगे 100 बिस्तर
कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए आईजीएमसी में 100 और बेड बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में अस्पताल ने 200 डी आकार के सिलेंडर और मंगवाए हैं, जिससे सभी बेड्स पर ऑक्सीजन की सुविधा दी जा सके। आइजीएमसी के प्रशानिक अधिकारी डा. राहुल गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी में ऑक्सीजन प्लांट 2017 में स्थापित हुआ था। तब से कमला नेहरू अस्पताल को भी ऑक्सीजन सप्लाई यहीं से की जाती है। इस प्लांट में प्रतिदिन 3600 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, वहीं खपत 3400 क्यूबिक मीटर तक रहती है।
प्रदेश में तैयार होती है दो तरह की ऑक्सीजन
प्रदेश में प्रतिदिन 41 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तैयार हो रही है। वर्तमान में 20 मीट्रिक टन से कम खपत है। प्रदेश के चंबा और हमीरपुर जिले में अभी प्लांट शुरू होने में एक सप्ताह लग जाएगा। हिमाचल में दो तरह से ऑक्सीजन तैयार हो रही है। एक हवा से, तो दूसरी लिक्विड। हवा से शिमला, सोलन, मंडी, रामपुर और कांगड़ा में ऑक्सीजन तैयार हो रही है। लिक्विड ऑक्सीजन के लिए ऊना, पांवटा, नगरोटा बगवां, मंडी और तीन जगह बद्दी में प्लांट लगाए गए हैं। इनकी 400 से लेकर 900 ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार करने की क्षमता है।
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