दाना मंडी गुरदासपुर में महापंचायत; हजारों किसान मजदूर महिलाओं सहित पहुंचे, की नारेबाजी

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के आह्वान पर हजारों किसान मजदूर महिलाओं सहित पहुंचे, की नारेबाजी
निजी संवाददाता — गुरदासपुर
केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए तीन काले कानूनों के विरोध में बुधवार को हजारों की संख्या में किसानों ने स्थानीय दाना मंडी में महापंचायत कर सरकार के ऐसे निर्णयों के विरुद्ध लामबंद होने के लिए कहा। इस अवसर पर जहां हजारों की संख्या में एकत्र किसानों ने देश की सरकार के विरुद्ध कविशरी, कविताओं के माध्यम से अपने मन की भड़ास निकाली। वहीं, राजनीतिक दलों का पूरी तरह से बायकाट करने का संकेत दिया। किसान रैली को सफल बनाने हेतु जिला गुरदासपुर में पूरा एक माह तक बैठकें कर तैयारियां कर बुधवार को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के बैनर तले हजारों किसान मजदूर महिलाएं तथा बच्चे अपने घरों से राशन तैयार कर नारेबाजी करते हुए रैली में दाना मंडी में पहुंचे। जिला कमेटी पर अधारित प्रधानगी मंडल में हरप्रीत सिंह, हरविंद्र सिंह, भजन सिंह, सोहन सिंह, गुरप्रताप सिंह, गुरमुख सिंह तथा रणबीर सिंह आदि ने समारोह की अध्यक्षता की। बुधवार की इस रैली में 15 सूत्री मत्तों पर नारों की गूंज से पास किया। किसान नेताओं ने सरकार से मांग की कि तीन कृषि विरोधी काले कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए। दिल्ली मोर्चे में शहीद हुए किसानों को दस लाख रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा उनका पूरा कर्ज माफ किया जाए।
किसानों पर हुये झूठे केस रद्द करके जेलों में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए। मोदी सरकार काले कानूनों की आड़ में किसानों से जमाबंदियां तथा किसानों की भूमि की जमाबंदियों तथा प्रत्यक्ष अदायगी का अलाप बंद करे। पंजाब सरकार अपने वादे के अनुसार 90 हजार करोड़ का कर्ज माफ करे, कोरोना महामारी के नाम पर लोगों की हो रही लूट बंद हो, बिजली संशोधन बिल 2020 पूरी तरह से रद्द किया जाए। खपतकारों को एक रुपए प्रति युनिट बिजली मुहैया करवाई जाए। इस अवसर पर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए मोदी के मन की बात नहीं चलेगी, काले कानूनों को रद्द करो जैसे नारे लगा कर किसानों को सरकार के विरुद्ध लामबंद रहने के लिए कहा। किसानों की रैलीयों में शामिल हों तथा नेताओं की रैलीयों में शामिल न हो कर किसानों समर्थक होने का प्रमाण दें। इस अवसर पर किसान नेताओं ने घोषणा की कि 20 अप्रैल को गुरदासपुर से संघर्षी योद्धे दिल्ली सिंगु बार्डर पर पहुंचेंगे। गुरदासपुर में किसी भी राजनीतिक दल की रैली न होने का मता पास कर दिया जाएगा अगर काले कानून रद्द नहीं होते वे किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।