सरकार की आलोचना पर तीन शिक्षकों को नोटिस

10वीं और 12वीं के बच्चों को प्रमोट करने के फैसले पर अध्यापकों व सरकार में मतभेद

प्रतिमा चौहान- शिमला
राजधानी के तीन शिक्षकों को सरकार के खिलाफ बोलना भारी पढ़ गया। हिमाचल का पहला जिला शिमला ऐसा बना, जिन्होंने आदेशों के बाद तुरन्त सरकार के खिलाफ बोलने वाले शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया। वहीं कार्रंवाई के दूसरे दिन ही शिक्षा मंत्री ने भी शिमला जिला के शिक्षक नेताओं को कोविड के बीच सरकार के फैसलों की अलोचना न करने की नसीहत दी। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि भले ही सभी को अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता का अधिकार है लेकिन शिक्षक अगर अपने काम को प्राथमिकता दे तो ये ज्यादा जरूरी है। कोविड की प्रदेश में दूसरी लहर चल रही है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में स्कूल से जुड़े कई ऐसे अहम फैसले हैं जो सरकार को मजबूरी में लेने पड़े हैं। इसमें 10वीं और 12वीं के बच्चों की परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला लिया गया है और साथ ही एक मई तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं लेकिन कुछ शिक्षक नेता इसका विरोध कर रहे हैं। कोविड के इस दौर में सभी से सहयोग की उ मीद है और सरकार के फैसले का भी सभी को समर्थन करना चाहिए। गौर रहे कि 10वीं और 12वीं के बच्चों को प्रमोट करने के फैसले पर सरकार के खिलाफ कुछ शिक्षकों ने बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार के फैसले की आलोचना करने पर डिप्टी डायरेक्टर उच्च शिक्षा की ओर से तीन शिक्षक नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं। उप शिक्षा निदेशक की ओर से से पूछा गया है है कि किस आधार पर सरकार के फैसले की आलोचना की गई है। इसमे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रझाना में कार्यरत शिक्षक वीरेंद्र चौहान, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भटाकूफर में तैनात महावीर केथला और घणाहटी स्कूल में कार्यरत कैलाश ठाकुर से जवाब तलब किया गया है। तीनों ंंंस्कूलों के प्रिंसिपल को इस बारे में नोटिस भेजे गए हंै कि इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए ताकि आगामी कार्रवाई के लिए इसे शिक्षा निदेशालय भेजा जाए।

उल्लेखनीय है कोविड-19 के दौरान छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोमोट करने को लेकर अलग-अलग सुर सुने जा रहे हैं। शिक्षक इस मसले पर शायद एकमत नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि फैसलों पर सवाल उठ रहे हैं। 10वीं और 12वीं के बच्चों को प्रमोट करने के फैसले पर प्रदेशरकार के खिलाफ कुछ अध्यापक बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार को यह बयानबाजी रास नहीं आ रही है। सरकार के फैसले की आलोचना करने पर डिप्टी डायरेक्टर उच्च शिक्षा की ओर से तीन शिक्षक नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं। इस बाबत तीनों ंंंस्कूलों के प्रधानाचार्यों को इस बाबत नोटिस भेज कर गए इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसका परिणाम अब क्या होगा, यह स्पष्ट हो जाएगा। (एचडीएम)

निजी स्कूल ले रहे ज्यादा फीस तो करें शिकायत
शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में यदि स्कूल प्रशासन मनमानी फीस वसूल रहे हैं तो इसके खिलाफ अभिभावक डिप्टी डायरेक्टर से शिकायत कर सकते हैं। निजी स्कूलों की फीस को तय करने के लिए उन्होंने जल्द ही नया बिल बनाने की बात कही।