नेरचौक मेडिकल कालेज में ओपीडी फिर बंद

अस्पताल में गंभीर कोविड रोगियों का होगा उपचार, पहले की तरह जारी रहेंगी एमरजेंसी सेवाएं

कार्यालय संवाददाता-नेरचौक
कोविड के बढ़ते मामलों के चलते नेरचौक मेडिकल कालेज में सामान्य ओपीडी एक बार फिर से बंद कर दी गई है। अब इस अस्पताल में फिर से कोविड के लक्षणों और गंभीर कोविड के रोगियों का उपचार किया जाएगा। इसके अलावा नेरचौक मेडिकल कालेज मे एमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। फ्लू ओपीडी के अलावा पॉजिटिव महिलाओं के लिए डिलीवरी और आप्रेशन की सुविधा भी यहां पहले की तरह ही दी जाएगी। नेरचौक मेडिकल कालेज को कोविड अस्पताल बनाए जाने की हालांकि अभी तक नोटिफिकेशन तो नहीं हुई है, लेकिन यह कभी भी हो सकती है।

नेरचौक मेडिकल कालेज को फिर से कोविड अस्पताल बनाए जाने को लेकर मंगलवार को मेडिकल कालेज प्रशासन ने करीब पौने चार घंटे यहां बैठक की, जिसमें सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। बैठक के बाद कालेज के ङ्क्षप्रसीपल डा. आरसी ठाकुर ने बताया कि नेरचौक मेडिकल कालेज में फिर से कोविड के रोगियों के इलाज के लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए चार पांच दिन पहले से ही उन्हें शिमला से डायरेक्शन मिल रही थी। और लगातार स्वास्थ्य सचिव से इस बारे में बातचीत चल रही थी। डा. आरसी ठाकुर ने बताया कि अस्पताल मे कोविड के रोगियों के इलाज के लिए 118 बेड की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि अस्पताल मे फरवरी माह से कोविड अस्पताल को हटाकर ओपीडी शुरू की गई थी, लेकिन अब फिर से कोविड के मामले बढऩे और यहां कोविड के रोगियों के इलाज के लिए मुहैया सुविधाओं के कारण ही फिर से यहां कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल मे जो मौजूदा समय में ंरोगी एडमिट हैं उन्हें धीरे धीरे दूसरी फेक्लिटी में शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड अस्पताल के लिए कुछ स्टाफ की जरूरत भी पड़ेगी जिसके बारे में पत्र लिख दिया गया है।

फरवरी 2021 तक 1251 रोगी हुए एडमिट

कोविड का दौर शुरू होने के बाद नेरचौक मेडिकल कालेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया था। मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक यहां 1251 कोविड के रोगी प्रदेशभर से उपचार के लिए एडमिट किए गए। 979 यहां से ठीक होकर अपने घरों को लौटे, 44 को यहां से रेफर किया गया और 241 लोगों की यहां मौत भी हुई। कोरोना संक्रमित होने के बाद मरने वालों में अधिकांश दूसरी बीमारियों से भी पीडि़त थे।