दस दिन में 218 एक्टिव मरीजों ने बढ़ाई चिंता, बच्चे भी चपेट में
कार्यालय संवाददाता-नगरोटा बगवां
कोरोना की दूसरी लहर का नगरोटा बगवां में भी खासा असर देखने को मिल रहा है। आए दिन जिला भर में हो रही कोरोना मामलों की बढ़ोतरी से अब नगरोटा बगवां भी अछूता नहीं रहा। मौजूदा समय में 218 कोरोना एक्टिव मामलों के बाद अब हर कोई सहमा नजर आने लगा है, जबकि कारोबारी बाजार में पड़ रहे असर के चलते अपने कल को लेकर एक बार फिर टेंशन में आ गए हैं। हालांकि मंगलवार को सरकारी कार्यालय पूरी तरह से खुले रहे, लेकिन अमूमन रहने वाली भीड़ पूरी तरह से नदारद रही। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक उपमंडल में 218 कोरोना पॉजिटिव इस समय स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, जिनमें से गंभीर चार मरीज जोनल अस्पताल धर्मशाला, दो मेडिकल कालेज टांडा तथा पांच कोविड केंद्र डाढ में उपचाराधीन है। हैरानी इस बात की भी है कि नगरोटा बगवां में 25 दिन पहले जन्मे शिशु की मां भी बीमारी की चपेट में आ गई है तथा अढ़ाई और पांच साल के बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है। कुल एक्टिव मरीजों में करीब तीन दर्जन नगरोटा बगवां शहरी क्षेत्र से ही ताल्लुक रखते हैं । नगरोटा प्रशासन ने इस बाबत स्थानीय संयुक्त कार्यालय परिसर में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर कोरोना पर नजर रखने की कवायद एक बार फिर शुरू कर दी है।
प्रशासन द्वारा कोरोना मरोजों, उनके संपर्क में आए लोगों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है, जबकि मरीजों की निगरानी व उपचार के लिए आशा व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जा रही हैं। उपमंडल को चार सेक्टरों में बांट कर सेक्टर प्रभारियों की तैनाती कर कोविड नियमों का क्रियान्वयन तथा मरीजों के एकांतवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सामाजिक समारोहों के लिए प्रशासन की अनुमति के लिए विशेष पोर्टल जारी किया गया है। सिविल अस्पताल में चल रहे वैक्सिनेशन शिविर में मंगलवार को भी लोगों की भारी भीड़ दर्ज की गई। लोग कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए अस्पताल का रुख करने लगे हैं। 18 जनवरी से शुरू हुए वैक्सिनेशन अभियान में अब तक 15 हजार तीन सौ लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं।
प्रशासन हुआ सख्त
शहर में कारोबारियों, ग्राहकों तथा यात्रियों के लिए मास्क की आवश्यक्ता को अनिवार्य बताते हुए प्रशाशन एक बार फिर सड़कों पर उतरा। तहसीलदार कुलताज के नेतृत्व में स्वास्थ्य तथा पुलिस विभाग ने दुकानों दुकानों और बाजार में दस्तक देकर लोगों को मास्क पहनने की हिदायत दी। इस दौरान कई दर्जन लोगों के चालान भी काटे गए, जबकि इस दौरान चालान की राशि सांकेतिक चेतावनी के रूप में मात्र सौ रुपए रखी गई।