समय का नियोजन

By: Apr 17th, 2021 12:20 am

श्रीराम शर्मा

समय हमारे साथ हर पल रहता है, हर क्षण रहता है, इस समय को भूल जाते हैं, लेकिन समय हमें नहीं भूलता। निश्चित समय पर समय हमारा साथ छोड़कर चला जाता है, यही मृत्यु है, समय का अंत है। समय का प्रारंभ होता है हमारे जीवन से और अंत होता है हमारी मृत्यु के रूप में। बीच का समय हमें जीवन जीने के लिए मिला है, जिसका हम जैसा चाहें, उपयोग कर सकते हैं। हमारे पास समय नहीं है। अपनी अतिव्यस्तता को बताने के लिए ऐसा बहुत लोग कहते हैं। यह सच है कि हम सभी इस धरती पर एक सीमित समय के लिए हैं और यह जानते भी नहीं कि कितना समय हमारे पास है, फिर भी समय का सही उपयोग न करके हम इस समय को और भी कम कर देते हैं। एक दिन में 24 घंटे का समय हमारे पास होता है, लेकिन 24 घंटे हम काम नहीं कर सकते। इसमें से 6-7 घंटे हम नींद लेते हैं, कुछ समय हम नित्य के कार्यों में गुजारते हैं, कुछ समय हम मनोरंजन में बिताते हैं, कुछ समय यूं ही गुजार देते हैं। इस तरह अपने खास कामों के लिए हम कुछ निश्चित समय ही निकाल पाते हैं, जिसका यदि उपयोग न हो पाए, तो वह भी हाथ से बालू की भांति फिसल जाता है। कमी समय की नहीं, समय को समझने की है।

समय को सभी जीते हैं, इसका आनंद लेते हैं, लेकिन कुछ ही होते हैं, जो विशेष उपलब्धियां हासिल करते हैं। कुछ ऐसा कर जाते हैं, जो ऐतिहासिक होता है। जिन्होंने समय को पहचान लिया, इसके साथ कदम ताल करना सीख लिया, इसके साथ चलना सीख लिया, वे ही अपने जीवन में आगे बढ़ पाते हैं। समय की अपनी गति है और हमारी अपनी। दोनों में तुलना करने की जरूरत ही नहीं है। हम समय से आगे-पीछे नहीं होते, बस अपनी-अपनी गति से अपने-अपने समय को जी रहे होते हैं और यदि हम अपने समय को भरपूर जी रहे हैं, तो न ही हमें समय की कमी की शिकायत रहती है और न समय की कमी हमारे आड़े आती है। यदि हम अपनी गति से चलते हुए समय पर मंजिल पा लेते हैं, हमारे सभी जरूरी काम समय पर पूरे हो जाते हैं तो इसका मतलब है कि हम समय के साथ चल रहे हैं, समय हमारे साथ है, लेकिन यदि हमारे पास हमारे आधे-अधूरे कामों की लंबी सूची है, तो फिर जरूरत है खुद को थोड़ा ठीक करने की। काम करने के तौर तरीकों में बदलाव व सुधार करने की योजनाओं के सही निर्धारण व उन पर अमल करने की।

इसके साथ ही हमें अपने जीवन में कुछ अच्छी आदतें अपना लेनी चाहिए, कुछ ऐसी आदतें, जो हमें तरोताजा बनाती हों, हमें ऊर्जा से भरती हों, हमारी कार्यक्षमता को बढ़ाती हों तथा समय प्रबंधन में हमारी मदद करती हों। जैसे कार्य के दौरान बीच में विश्राम करने की आदत, हर दिन कुछ अच्छा पढ़ने की आदत, कुछ नया व अच्छा काम करने की आदत, संगीत सुनने की आदत आदि। ये आदतें ऐसी होती हैं, जो हमें तनाव मुक्त करती हैं। भले ही हम चाहे कितने भी व्यस्त हों, लेकिन आदतवश इनके लिए थोड़ा समय निकाल लेते हैं और अपनी कार्यशैली को एक नया आयाम देते हैं।


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