सप्तम नवरात्र पर मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना

आज मनाई जाएगी अष्टमी, होगा कंजिका पूजन, कोरोना की बंदिशों के चलते लोग मंदिरों में कम ही नजर आ रहे हैं, घरों में ही हो रहा महिमामंडन

कार्यालय संवाददाता-नालागढ़
चैत्र नवरात्रों के सातवें नवरात्र पर भक्तों ने मां दुर्गाजी के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना की। कोविड काल में दूसरी बार आए चैत्र नवरात्रों में लोग मंदिरों में कम ही नजर आ रहे हैं और अपने घरों में ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। बीते वर्ष तो लॉकडाउन के चलते मंदिर ही बंद थे, लेकिन इस बार मंदिरों में दर्शनों की इजाजत तो मिली है, लेकिन लोग बहुत कम सं या में मंदिरों की ओर रूख कर रहे है। यहां तक कि नालागढ़ शहर के वार्ड-9 स्थित दुर्गा माता मंदिर में लोगों की संख्या बहुत कम रही।

बताया जाता है कि नवरात्रों में दुर्गाजी के मां कालरात्रि रूप की पूजा अर्चना की जाती है और शक्ति का सातवां स्वरूप कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक, कांटों के आभूषण है और रंग काला है, लेकिन सदैव शुभ फल देने वाली ही है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश, ग्रह बाधाओं को दूर करने वाली है। आसुरी शक्तियों का संहार करने के लिए कालरात्रि का पूजन किया जाता है। इसके बाद आठवें दिन महागौरी व नौवें दिन सिद्धिदात्री मां की पूजा अर्चना की जाएगी। प्रेम ज्योतिष संस्थान के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि नवरात्रि पर्व पर मां दुर्गा के चरणों में सारे दुख दर्द समर्पित करने चाहिए और मां की आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में कंजिका पूजन और व्रत उपवास पूरी तरह से विधि विधान के साथ ही करने चाहिए ।