ग्रामीणों के साथ मरीज भी तरसे पानी को

सराहां निवासी पानी की एक-एक बूंद को हुए मोहताज, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल व सिविल अस्पताल में भी पानी की सही मात्रा में नहीं हो रही आपूर्ति

संजय राजन – सराहां
गत छह दिनों से सराहां निवासी पानी की एक-एक बूंद को मोहताज हैं। एक तो सराहां में कोरोना महामारी का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ रहा है। आज हालात यह है कि सराहां के दो दर्जन से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हैं और उनमें से अधिकतर होम आइसोलेशन में है। ऊपर से गत पांच-छह दिनों से सराहां में पानी नहीं आने से लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है। यही नहीं सराहां के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल व सिविल अस्पताल में भी पानी की आपूर्ति सही मात्रा में नहीं हो रही है, जिससे वहां भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को भी समस्या से जूझना पड़ रहा है। यही नहीं इलाके के जयहर व बड़ू साहिब के लोगों ने बताया कि उनके इलाके में कई जगह पाइप लाइन टूटी हुई है जहां पानी व्यर्थ बह रहा है। इस विषय पर यदि विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो वे कभी बड़ू साहिब में लाइट न होने तो कभी अंधड़ आने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ देते हैं। गौरतलब है कि सराहां को पानी उपलब्ध करवाने वाली बड़ू साहिब परियोजना जब से शुरू हुई है तभी से विवादों में है और अकसर जरा सी बारिश होने या तूफान आने या अन्य तकनीकी कारणों से हांफती रहती है। अभी का आलम यह है कि इलाके वासियों को चार-पांच दिनों में पानी मिलता है और वह भी मुश्किल से 500 लीटर से ज्यादा नहीं मिलता। लोगों द्वारा विभाग को बार-बार निवेदन करने के बाद भी विभाग के अधिकारियों में कान पर जूं तक नहीं रेंगती। धरात्तल पर पानी की समस्या से निजात पाने के कोई भी प्रयास नजर नहीं आते। गौरतलब है कि सराहां को पानी उपलब्ध करवाने वाली लिफ्ट वाटर सप्लाई स्कीम सराहां जिसकी फस्र्ट स्टेज सराहां के समीप चढ़ेच गांव में है का सही रखरखाव होता व उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाए जाते तो आज सराहां वासियों को पानी के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।

गौरतलब है कि सराहां वासियों को जल की आपूर्ति घरद्वार पर देने के उद्देश्य से वर्ष 1970-71 में लिफ्ट वाटर सप्लाई स्कीम सराहां बनी जिसका स्टेटिक हैड 271 मीटर मोटा था। जिस समय यह स्कीम बनी थी उस समय 1777 लोगों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। उस समय 30 एचपी के दो पंप लगवाए गए थे। इसका डाया/लेंथ ऑफ राइजिंग मैन 1660 मीटर थी, जबकि डिस्ट्रीब्यूशन लेंथ 9060 मीटर थी। उस वक्त के मुताबिक यह सराहां वासियों के जल की आपूर्ति करवाने के लिए पर्याप्त थी, लेकिन लोगों की पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए बड़ू साहिब से जल परियोजना तो शुरू की गई जो शुरू से ही चाहे उस इलाके के लोगों से जल विवाद हो या फिर उसकी पाइप लाइन बिछाने के तरीके व रूट या फिर इस परियोजना को बिजली सप्लाई करवाने वाले ट्रांसफार्मर के अकसर खराब रहने का मामला हो अकसर कोई न कोई समस्या आती रही, लेकिन विभाग या प्रशासन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं सराहां को जल आपूत्र्ति करवाने वाली पुरानी परियोजना के बारे में किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। यदि इसकी क्षमता बढ़ाने, चेकडैम बनाकर व बड़े टैंक बनाकर पानी स्टोर करने की समय पर व्यवस्था की गई होती व इसका विभाग सही रखरखाव करता तो आज भी इस परियोजना में इतना दम है कि यह काफी हद तक सराहां व आसपास के क्षेत्रवासियों को जल आपूर्ति पूरा करवा सकती है। स्थानीय लोगों ने विभाग व प्रशासन से अपील की है कि अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना के रखरखाव व क्षमता बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए। आज हालत यह है कि इसके दो पंप काफी लंबे अरसे से खराब पड़े हैं। वहीं इसके भवन की हालत भी खस्ताहाल है। उधर सराहां में पानी की समस्या को लेकर जब पच्छाद की विधायिका रीना कश्यप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह मंगलवार को शिमला जा रही हैं तथा इस विषय को लेकर वह जल शक्ति विभाग के मंत्री से मिलकर समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगी। (एचडीएम)