सेब और आड़ू का काम तमाम

By: May 16th, 2021 12:05 am

कांगड़ा-चंबा में नकदी फसलों को भारी नुकसान

इस बार रबी की फसलों पर सूखे की मार पड़ी थी। गेहूं समेत सारी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अब मई माह में बारिश और ओले गिर रहे हैं। इससे सेब आडू और नाशपाती को भारी नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट…

हिमाचल में पहले गेहूं समेत अन्य फसलों को पानी नहीं मिला और बेमौसमी बारिश हो रही है। इससे किसानों और बागबानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से ओले गिरने से सिरमौर जिला के राजगढ़ में सेब और आड़ू की फसल को भारी नुकसान हुआ है।  बागबानों ने बताया कि  राजगढ़ व  फागू आदि क्षेत्रों में  सेब, आड़ू का भारी नुकसान हुआ।

उन्होंने बताया कि इससे पहले ही राजगढ़ व पझौता आदि क्षेत्रों में ओलावृष्टि में  प्लम व खुमानी पूरी तरह खत्म हो चुकी है। भारी बारिश से टमाटर, लहसुन भी बर्बाद हो गए हैं। दूसरी ओर कांगड़ा, चंबा जिलों में भी ओलों से भिंडी, टमाटर, फ्रांसबीन, घीया, तोरी आदि फसलें मटियामेट हो गई हैं। किसानों को लंबे समय तक इस नुकसान की भरपाई करना कठिन हो जाएगी। खास बात यह भी कि कई जिलों में पहाड़ी इलाकों में गेहूं की थ्रैशिंग का दौर चल रहा है। इससे वहां गेहूं को खूब नुकसान हो रहा है। किसान सभा ने सरकार से मांग उठाई है कि किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाए।

रिपोर्टः टीम, राजगढ़, कांगड़ा, पालमपुर

रोहडू — रोहडू में ओलावृष्टि से सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बेमौसमी हिमपात के बाद अब ओलावृष्टि की मार बागबानों पर पड़ी है। विधायक रोहडू मोहन लाल ब्राक्टा ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि बागबानी विभाग ओलावृष्टी से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और नुकसान का आंकलन करें। बागबानों को उचित मुआवजा मुहैया मिले। उपमंडल रोहडू के छौहारा, नावर, स्पैल और मंडलगड़ के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। इसके अलावा उपमंडल रोहडू के जुब्बल क्षेत्र में भी ओलावृष्टि हुई है। इस ओलावृष्टि से करोड़ों रुपए के सेब फसल को नुकसान पहुंचा है। बशला, अढाल, लोअरकोटी, चिउनी, करासा, झलवाड़ी, थाना और रनौल में काफी मात्रा में ओलावृष्टि होने की सूचना है।

बागबानों के मुश्किल वक्त में काम आ रही चैरी

मतियाना — कुमारसैन और ननखड़ी के निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चैरी का सीजन अब जोरों पर चलने लगा है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में चैरी ने भी अपना अस्तित्व कायम कर दिया है। जाहिर तौर पर सेब की तुलना में चैरी उत्पादन में खर्च कम और आमदनी अधिक है। इन दिनों निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चैरी का सीजन शुरू हो चुका है। बागबानों को इसके दाम भी बेहतर मिल रहे है।  चैरी के खरीदार बागबानों को घर द्वार में ही अच्छा दाम दे रहे है। नारकंडा की कोहिनूर एप्पल मंडी में चैरी का प्रति डिब्बा 100 से 200 रुपए तक बिका।

मंडी के संचालक महेंद्र धर्मा ने बताया कि पिछले सप्ताह चैरी 300 रुपए प्रति डब्बा भी बिक रही थी, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते दामों में थोड़ी गिरावट आई है। उन्होंने बागबानों से अपील की है कि कोरोना काल में कम संख्या में मंडियों में आएं। अपनी फसल गाडि़यों में भेजें। हम फोन पर आपको रेट की जानकारी मुहैया कराएंगे और पेमेंट ऑनलाइन खाते में डाल दी जाएगी। बताते चले कि बागबान चैरी नारकंडा, शिमला, चंडीगढ़ व दिल्ली की मंडियों में भेज रहे हैं और बागबानों को चैरी के अच्छे दाम मिल रहे हैं।

लो आ गया धान का हाईब्रिड बीज

50 फीसदी मिलेगी सबसिडी, ब्लाक से 100 रुपए किलो के हिसाब से खरीद सकेंगे किसान

कृषि विभाग के पास धान का 11 क्विंटल हाईब्रिड बीज पहुंच गया है, जिसे ब्लाकों को डिमांड के मुताबिक भेज दिया है, ताकि जिला के चुनिंदा किसानों को हाईब्रिड बीज घरद्वार के नजदीक मिल सके। किसानों को बीज पर 50 फीसदी अनुदान मुहैया करवाया जा रहा है, ताकि किसानों को बीज महंगा न पड़े। बता दें कि कृषि विभाग ने जिला के चुनिंदा किसानों के लिए 11 क्विंटल हाईब्रिड बीज ब्लाकों में पहुंचा दिया है, ताकि किसानों को घरद्वार के नजदीक बेहतर क्वालिटी का बीज मिल सके। हालांकि धान का अधिकतर बीज भोरंज ब्लाक को भेजा गया है। यहां के किसान ही धान की खेती में रुचि दिखा रहे हैं। किसानों को धान का बीज 100 रुपए किलो में मिलेगा। हालांकि विभाग को ये बीज 200 रुपए किलो में पड़ा है, जिसमें 50 फीसदी अनुदान देकर किसानों को वितरित किया जाएगा। कृषि विभाग की मानें तो किसान 20 किलो हाईब्रिड बीज की पनीरी एक हेक्टेयर या फिर 25 कनाल भूमि में लगा सकते हैं।

अगर हाईब्रिड धान के बीज का रिजल्ट लोकल धान से अच्छा रहा, तो अगले वर्ष इससे अधिक धान का बीज मंगवाया जाएगा, ताकि जिला में जो लोग अभी भी धान की खेती में रुचि रखते हैं, वे कम जगह में अच्छी पैदावार हासिल कर सकें, क्योंकि हमीरपुर जिला के अधिकतर किसानों ने धान की खेती छोडक़र चरी व बाजरे की फसल पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। ऐसे में जिला की अधिकतर उपजाऊ भूमि चारे के लिए उपयोग हो रही है। क्योंकि जिला के लोग जंगली जानवरों के आंतक से खासे परेशान हैं। उनकी मेहनत पर जंगली जानवर हर वर्ष पानी फेर रहे हैं। डा. जीत सिंह ठाकुर उपनिदेशक  कृषि विभाग हमीरपुर ने बताया कि कृषि विभाग के पास धान का 11 क्विंटल हाईब्रिड बीज पहुंच गया है, जिसे ब्लॉकों को डिमांड के मुताबिक भेज दिया गया है। अधिकतर बीज भोरंज ब्लॉक को जारी किया गया है, ताकि किसानों को घरद्वार के नजदीक बेहतर क्वालिटी का बीज मिल सके। धान के बीज पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है।

रिपोर्टः मंगलेश कुमार, एचडीएम

चरी-बाजरे का बीज ले लें किसान, 34 से 60 रुपए तक दाम तय

खरीफ सीजन के लिए कृषि विभाग के पास बीज पहुंच गया है। किसानों को यह बीज सबसिडी पर मुहैया करवाया जाएगा। यह बीज सर्टिफाइड होगा। एक रिपोर्ट…

कृषि  विभाग ने किसानों के लिए खरीफ सीजन में बीजी जाने वाली फसलों का बीज देने को कमर कस ली है। इसके लिए  पांच हजार क्विंटल से अधिक बीज सबसिडी पर उपलब्ध करवाने की तैयारी  है। अलग-अलग स्कीमों के तहत अनुदान पर 34  से लेकर 60 रुपए प्रति किलो की दर से यह बीज दिया जाएगा। विभाग ने अकेले कांगड़ा जिला में मक्की के छह सौ क्विंटल, धान के सात सौ क्विंटल बीज का इंतजाम किया है। इसमें तीन सौ क्विंटल हाईब्रिड और चार सौ क्विंटल अधिक उपज देने वाली धान की किस्में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त चरी का दो हजार तीन सौ क्विंटल और बाजरे का 550 क्विंटल हाईब्रिड और 94 क्विंटल सर्टिफाइड बीज भी जिला कांगड़ा के किसानों के लिए उपलब्ध हैं। कांगड़ा में कुल एक लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर खेती की जाती है, जिसमें 36 हजार चार सौ हेक्टेयर क्षेत्र धान, 56 हजार हेक्टेयर रकबा मक्की और पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र सब्जियों के अंतर्गत आता है, जबकि बाकी भूमि पर चारा व अन्य फसलें उगाई जाती हैं।

जानकारी के अनुसार किसानों को मक्की के बीज पर 40 रुपए प्रति किलो का अनुदान दिया जाएगा और यह बीज 50 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा। धान के हाईब्रिड बीज पर सौ रुपए प्रति किलो की सबसिडी दी जाएगी और यह सौ रुपए किलो किसानों को मिलेगा, जबकि धान का सर्टिफाइड बीज 50 प्रतिशत अनुदान के बाद 14 व 15 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा। धान के फाउंडेशन सीड पर भी 50 फीसद छूट रहेगी और इसका दाम 15 व 16 रुपए रहेगा। चरी का बीज 28.50 रुपए प्रति किलो सबसिडी के बाद 34 रुपए प्रति किलो के रेट पर उपलब्ध होगा। बाजरा का हाईब्रिड बीज 50 रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगा। इस पर 44 रुपए प्रति किलो की सबसिडी दी जा रही है, जबकि बाजरा का सर्टिफाइड बीज 60 रुपए प्रति किलो के अनुदान के बाद 60 रुपए प्रति किलो की दर से किसान ले सकेंगे।

रिपोर्टः जयदीप रिहान, एचडीएम

बंद कमरे में उगाएं घास, ऊना में किसानों के लिए यूसुफ खान की क्लास

प्रदेश में चरागाहें लगातार कम होती जा रही हैं। पशुपालकों को घास की कमी आ रही है। इस सबके बीच ऊना के होनहार किसान यूसुफ खान नई तकनीक से चारा उगा रहे हैं। सब ठीक रहा,तो इससे प्रदेश का भाग्य बदल जाएगा। एक रिपोर्ट…

नई तकनीक से खेती करने की दिशा में ऊना के होनहार किसान यूसुफ खान का कोई जवाब नहीं है। वह नए प्रयोग करके देश-विदेश में लोकप्रिय हुए हैं। इन दिनों वह हाइड्रोपोनिक तकनीक से चारा उगा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक प्रयोग किया है, जिसमें वह दो माह में तैयार होने वाला चारा महज सात आठ दिन में तैयार कर रहे हैं।

खान ने बताया कि इस तकनीक से इनडोर 27 डिग्री पारे में चारा तैयार होता है, लेकिन उन्होंने खुले में 35 डिग्री सेल्सियस में चारा तैयार किया है। इसमें चारे को 20 से 25 सेंटीमीटर तक बढ़ने के बाद काट लिया जाता है,जिसमें भरपूर पोषक तत्त्व होते हैं। किसान भाई सैल्फ  बनाकर ट्रे में मक्की का बीज डालकर इसे तैयार कर सकते हैं। इसके कई फायदे हैं। एक तो जगह कम लगती है, दूसरे कम समय में तैयार होता है और तीसरा लाभ यह है कि यह पौष्टिक होता है। किसान भाई दूर-दूर से खान के फार्म में आ रहे हैं। सब ठीक रहा,तो इस प्रयोग का पूरे प्रदेश का फायदा होगा।

रिपोर्टः जितेंद्र कंवर, एचडीएम

सीधे खेत से

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