अस्पताल से रेस्ट हाउस भेज दी कोरोना पॉजिटिव

मेकशिफ्ट हॉस्पिटल पालकवाह में थी भर्ती, डिस्चार्ज कर भेजी दौलतपुर चौक

स्टाफ रिपोर्टर – गगरेट

मानव जीवन के दुश्मन बने कोरोना वायरस के खौफ के बीच लापरवाही का आलम देखें कि मेक शिफ्ट अस्पताल पालकवाह में उपचाराधीन एक कोरोना पॉजिटिव महिला को डाक्टरों ने डिस्चार्ज करके एंबुलेंस से लोक निर्माण विभाग के दौलतपुर चौक स्थित विश्राम गृह में भेज दिया। विश्राम गृह के चौकीदार ने भी पड़ताल करना उचित नहीं समझा और महिला को आराम करने के लिए कमरा दे दिया। गुरुवार सुबह जब इस बात का पता चला, तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सूचना स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची और उसके बाद महिला को कोविड केयर सेंटर खड्ड में शिफ्ट किया गया। जानकारी के अनुसार ऊना कस्बे के वार्ड नंबर चार में किराए के मकान में रहने वाली एक महिला को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में कोरोना पॉजिटिव घोषित कर पहले डीसीएचसी हरोली शिफ्ट किया गया और वहां से उसे मेक शिफ्ट अस्पताल पालकवाह शिफ्ट कर दिया गया।

 पांच अप्रैल को डाक्टरों ने उसे वहां से डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन अभी उसे नेगेटिव घोषित नहीं किया गया था और एंबुलेंस के माध्यम से उसे लोक निर्माण विभाग के दौलतपुर चौक स्थित विश्राम गृह के लिए भेज दिया गया। एंबुलेंस महिला को लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के बाहर छोड़ गई। महिला ने लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में आराम करने के लिए कमरा भी खुलवा लिया। इस दौरान विश्राम गृह के चौकीदार तो उसके संपर्क में आए ही, बल्कि गुरुवार सुबह जब कुछ लोग विश्राम गृह आए तो महिला उनके संपर्क में भी आई। जब पता चला कि वह महिला कोरोना पॉजिटिव है, तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उसे कोविड केयर सेंटर खड्ड में शिफ्ट किया गया। अब सवाल यह है कि अगर महिला का पता वार्ड नंबर चार ऊना कस्बे का था तो उसे एंबुलेंस से दौलतपुर चौक क्यों भेजा गया। अगर महिला ने ही गलत पता बताया तो उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करवाई गई। उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मेजर डा. रमन शर्मा का कहना है कि महिला द्वारा ही गलत सूचना देने के चलते एंबुलेंस महिला को दौलतपुर चौक छोड़ आई।  उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी गलती न हो, इसके लिए वह लिखित आदेश जारी कर रहे हैं।