अस्पतालों के तकनीकी कर्मी साइलेंट कोरोना वॉरियर्ज

जिंदगी दांव पर लगाकर दिन-रात दे रहे सेवाएं, सरकार मंचों व सर्टिफिकेटों की चर्चा से दूर निभा रहे ड्यूटी

हीरा लाल ठाकुर — भुंतर
कोरोना संकट के कारण पैदा हुए मुश्किल व नाजुक हालात में सरकार संक्रमण से जंग जीतने में लगी है। लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए समाज व प्रशासन के हजारों कोरोना योद्धा भी अपना हाथ बंटा रहे है, ताकि संकट के इस दौर से उबरकर सामान्य जीवन का सफर चल पड़े। बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी न आम लोगों के बीच चर्चा है और न ही सरकार के किसी मंच पर इनका गुणगान हो रहा है, वे अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर साइलेंट कोरोना नायक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। जी हां, अस्पतालों व स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोना मरीजों की टेंस्टिंग और उनके सैंपल लेने वाले तकनीकी कर्मी कोविड के दौर में साइलेंट कोरोना नायकों की भांति अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लैब तकनीशियन विभिन्न अस्पतालों में हर रोज उन सैकड़ों मरीजों के कोविड के सैंपल ले रहे हैं, जो बाद में पॉजिटिव भी पाए जाते हैं।

यह सैंपल लेने वाली टीम और लैब में काम करने वाले कर्मी सबसे ज्यादा खतरे से खेल रहे हैं और जीवन दांव पर लगा सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाबजूद न तो इन्हें कोरोना वारियर्ज के सटिफिकेट मिलते हैं और न ही इनकी किसी सार्वजनिक मंच पर चर्चा होती है। जिला कुल्लू की बात करें तो यहां पर भी दर्जनों लैब तकनीशियनों के साथ अन्य कर्मियों की टीम पिछले एक साल से दिन-रात एक कर सैंपल लेने से लेकर अन्य सेवाएं देने में जुटे हैं। जानकारी के अनुसार संदिग्ध कोरोना मरीजों की सैंपलिंग के साथ अन्य जटिल प्रकार की जांचें, बॉडी फ्लूड्स, टीसू, ब्लड टाइपिंग, माइक्रो ऑर्गेनिज्म स्क्रिनिंग, केमिकल एनालिसिस, ह्यूमन बॉडी का सेल काउंट टेस्ट, विश्लेषण, सैंपलिंग, टेस्टिंग, रिपोर्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन में इस टीम का ही रोल सबसे ज्यादा इन्हीं का रहता है। बता दें कि किसी भी पीडि़त मरीज की जांच ही उसके इलाज का आधार है और इसके लिए दिन-रात समर्पित रहकर कोरोना संक्रमण के दौर में यह कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुल्लू सहित प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों व स्वास्थ्य संस्थानों में तकनीकी कर्मियों की कमी भी चल रही है और ऐसे में दूसरे कर्मियों को अतिरिक्त ड्यूटी देनी पड़ रही है। जिला कुल्लू में अपनी सेवाएं दे रहे एक वरिष्ठ लैब तकनीशियन गोपाल डढवाल कहते हैं कि कोविड-19 के दौर में उनका कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है और संकट काफी बढ़ गया है। इसके अलावा लगातार मामले बढऩे से वर्कलोड भी बढ़ गया है। बहरहाल, कोरोना संक्रमण के दौर में अस्पतालों में तैनात तकनीकी कर्मी साइलेंट कोरोना नायक साबित हो रहे हैं।