भारत पहुंची रूसी वैक्सीन की डेढ़ लाख डोज

कोरोना से जंग में हिंदुस्तान को मिला एक और हथियार, संक्रमण के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा असरदार है स्पूनतिक-वी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

कोरोना संकट और वैक्सीन की कमी से जूझ रहे देश के लिए अच्छी खबर आई है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप शनिवार को हैदराबाद पहुंची। ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा कारगर है। वैक्सीनेशन में तेजी लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने हाल ही में भारत में स्पूतनिक-वी को एमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। भारत में रूस के राजदूत ने कहा कि स्पूतनिक-वी की एफिकेसी (प्रभाव) दुनिया के तमाम वैक्सीनों से ज्यादा है और ये वैक्सीन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है।

उन्होंने बताया कि इसका लोकल प्रोडक्शन जल्द शुरू होगा और इसे धीरे-धीरे प्लान के मुताबिक बढ़ाकर हर साल 850 मिलियन (85 करोड़) डोज तक ले जाया जाएगा। विदेश मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल पहली खेप में स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन की 1.5 लाख डोज भारत आई है। आने वाले दिनों में वैक्सीन की लाखों डोज भारत पहुंचेगी। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस तीसरी वैक्सीन से टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी। स्पूतनिक-वी 11 अगस्त, 2020 को रूस की ओर से पंजीकृत दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है।

इस टीके को गैमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया था। शनिवार से देश में कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू हो गया। इस चरण में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग टीका ले सकेंगे। हालांकि वैक्सीन की कमी की वजह से कई राज्यों में फिलहाल तीसरे चरण का टीकाकरण शुरू नहीं हो सका है। बता दें कि फिलहाल देश में भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड लोगों को लगाई जा रही है। देश में कोरोना वैक्सीन की 14 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है।

टीकाकरण में  आएगी तेजी

भारत में 18 से 44 साल के लोगों के लिए तीसरे चरण का वैक्सीनेशन शनिवार से शुरू हो गया। तीसरे चरण के लिए भारी संख्या में लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया है। हालांकि वैक्सीन की कमी के चलते कई जगह टीकाकरण अभियान शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन रूसी वैक्सीन के आने के बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेज़ी आने की उम्मीद है।