कोरोना के कारण पीजीआई ने टाली गंभीर मरीजों की सर्जरी, लोगों की बढ़ी परेशानी
कोरोना के कारण प्रशासन ने एक महीने के लिए टाले ऑपरेशन, लोगों की बढ़ी परेशानी
चंडीगढ़, 2 मई (निजी संवाददाता)
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की स्थिति खराब होती जा रही है। मौजूदा स्थिति की समझते हुए पीजीआई प्रशासन ने गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के ऑपरेशन को एक महीने के लिए टाल दिया है। ऐसे में उन मरीजों के साथ ही उनके परिजनों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। मरीजों का कहना है कि कोरोना से जूझ रहे मरीजों के इलाज का प्रबंध तो कर दिया गया, लेकिन उनकी गंभीर बीमारी को लेकर प्रशासन लापरवाह रवैया अपना रहा है, जो बिलकुल गलत है। वहीं पीजीआई प्रशासन इस निर्णय के पीछे उन मरीजों की सुरक्षा का हवाला दे रहा है। बता दें कि अमृतसर के सुनील (बदला हुआ नाम) की भी है। सुनील की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। तमाम प्रयास के बाद डोनर के मिलने पर उनका 22 अप्रैल को पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट होना था, पर उन्हें भी डाक्टरों ने एक महीने बाद बुलाया है। पीजीआई में चंडीगढ़ के साथ ही अन्य प्रदेशों से आने वाले रेफर मरीजों की संख्या के साथ ही कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों का दबाव काफी बढ़ रहा है। इससे पीजीआई के स्वास्थ्य कर्मचारी तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। पीजीआई में अब तक 1457 स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना के मरीजों के बढ़ते दबाव के कारण पीजीआई प्रशासन ने टेलीकंसल्टेशन में पंजीकरण की समय सीमा भी कम कर दी है। पीजीआई प्रशासन का कहना है कि संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस सेवा को सीमित किया गया है, जो स्थिति सामान्य होने पर पुन: पहले जैसी कर दी जाएगी।
नहीं मिल रही सही जानकारी
मौजूदा स्थिति में नॉन कोविड मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि जिन्हें अप्रैल में सर्जरी की डेट दी गई थी। पर उनका ऑपरेशन करने से साफ मना कर दिया गया है। पूछने पर बताया जा रहा है कि चार हफ्ते बाद ऑपरेशन होगा। इस दौरान अगर मरीज को किसी तरह की परेशानी हुई तो क्या करना है, इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी जा रही है। वहीं पीजीआई प्रशासन का कहना है कि मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। जिस पर तय समय पर कॉल कर परामर्श लिया जा सकता है।
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