अनार के फूलों पर मौसम की मार

कुल्लू में फसल में फ्लावरिंग का दौर चरम पर, खराब मौसम से बागबानों की बढ़ी चिंताएं
स्टाफ रिपोर्टर — भुंतर
प्रदेश को अनार उत्पादन में देश भर में टॉप-पांच में पहुंचाने वाला कुल्लू की रूपी घाटी का अनार मौसमी चुनौती से जूझने लगा है। घाटी में अनार पर लगे फूलों पर खराब मौसम की बूरी नजर है। मौसम विभाग के अनुसार घाटी में आने वाले करीब एक सप्ताह तक मौसम खराब रहने वाला है। लिहाजा, अनार उत्पादकों को अपने बागानों में लगे फूलों की चिंता सता रही है। प्रतिकूल मौसम ने जिला कुल्लू में प्लम से लेकर खुमानी, नाशपाती और सेब को पहले ही अपने आगोश में लिया है और फसल को तबाह किया है। बागबानी विभाग के अनुसार करीब चार करोड़ का नुकसान पहले ही बागबानों को खराब मौसम के कारण हो चुका है। अनार में सबसे अंत में फूल खिलने की प्रकिया होती है और मई माह का पहला पखवाड़ा फसल के लिए सबसे अहम रहता है। बागबानों के अनुसार इस अवधि के दौरान मौसम साफ रहने से अच्छी फसल होने के आसार रहते हैं और बारिश से ठंड हो जाए तो परागण प्रक्रिया प्रभावित होती है और फसल उत्पादन कम हो जाता है।

जिला में पिछले एक सप्ताह से मौसम का नाटक जारी है और यह नाटक आने वाले सात से दस दिनों में भी मौसम विभाग के अनुसार ऐसा ही रहने वाला है। घाटी के अनार उत्पादकों के अनुसार दूसरी फसलों से मायूसी मिलने पर अब अनार पर उम्मीदें टिकी हुई हैं, लेकिन अगर इस पर मौसम की बुरी नजर पड़ी तो हालात मुश्किल हो सकते हैं। बता दें कि घाटी में करीब 700 हैक्टेयर भूमि पर अनार की खेती होती है। घाटी में बागबानों द्वारा कंधारी, सीडलेस सिंदूरी व मृदुला जैसी किस्में यहां पर बागबानों द्वारा लगाई जाती हंै। घाटी का अनार ऑफ सीजन में होने और लेटक्रॉप होने से बाजार में सबसे ज्यादा दाम वसूलता है। हालांकि फसल पर पिछले कई साल से बीमारियों व मौसम की चुनौतियों के कारण बूरे प्रभाव भी पड़े हैं। विल्ट जैसी बीमारी के कारण कई बागबानों को अपने बगीचे ही हटाने पड़े हैं और दूसरी फसलों को लगाने के लिए मजबरू हो रहे हैं।
क्या कहते हैं घाटी के बागबान
घाटी के बागबानों कर्म चंद, हैप्पी, कंवर सिंह, जीवन सिंह, राज कुमार आदि ने बताया कि फूलों की प्रक्रिया इन दिनों चली हुई है और ऐसे में खराब मौसम से उनकी चिंता और ज्यादा बढ़ गई है। उधर, जिला कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा के प्रभारी डा. केसी शर्मा के अनुसार बागबानों के लिए अनार की फसल का स्प्रे शेड्यूल तैयार कर जारी किया गया है और इसके अनुसार बागबानों को इसका छिड़काव करना चाहिए।