पंजाब में नहर में पड़े मिले रेमडेसिविर, नकली इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी से कनेक्शन संभव
हिमाचल में पकड़ी नकली इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी से कनेक्शन संभव
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़
कोरोना के बीच एक तरफ जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी पड़ रही है, वहीं पंजाब के रोपड़ में रेमेडिसिविर के 671 इंजेक्शन नहर में पड़े मिले हैं। आशंका है कि इंजेक्शन की इस खेप का कनेक्शन हिमाचल प्रदेश में पकड़ी गई डुप्लीकेट रेमडेसिविर बनाने वाली कंपनी से हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक जिस जगह ये इंजेक्शन मिले हैं, उसका नेशनल हाई-वे और नहर के जरिए हिमाचल प्रदेश में उस कंपनी की लोकेशन से सीधा जुड़ाव है। ऐसे में इस बात की आशंका है कि कंपनी सील होने के बाद कहीं दूसरी जगह रखी खेप को भी छापेमारी के डर से ठिकाने लगाने की कोशिश की गई होगी। गौरतलब है कि 15 अप्रैल को मध्य प्रदेश के इंदौर में पकड़ा गया डा. विनय त्रिपाठी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के सूरजपुर में ट्यूलिप फॉर्मुलेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चला रहा था। यहां बिना परमिशन के रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जा रहे थे। इस कंपनी वाले इलाके से हिमाचल-चंडीगढ़ हाई-वे और भाखड़ा नहर सीधे जाती है।
हरियाणा में पकड़े गए नकली रेमडेसिविर के किंगपिंन से भी इसका कनेक्शन हो सकता है। इसकी आशंका जताते हुए शिरोमणि अकाली दल के उपाध्यक्ष डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। ड्रग इंस्पेक्टर तेजिंदर सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सात कंपनियां बनाती हैं। सातों कंपनियों का रोपड़ में कोई स्टॉकिस्ट नहीं है। ड्रग इंस्पेक्टर तेजिंदर सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर के 671 इंजेक्शन नहर में मिले हैं। शुरुआती जांच में ये नकली लग रहे हैं, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए जांच चल रही है। इस दौरान 1456 से भी अधिक एंटीबायोटिक इंजेक्शन सैफापेराजोन भी मिले हैं। 849 बिना लेवल वाले इंजेक्शन भी हैं, जिनके प्रिंट पानी में धुल चुके थे।
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