मजदूरों को परिवार का पालन-पोषण करना हुआ मुश्किल

नहीं मिल रहा वेतन;रोजी रोटी के लाले,होटल मजदूरों के समर्थन में उतरी सीटू, श्रम आयुक्त सौपा ज्ञापन, जल्द कारवाई की उठाई मांग
टेकचंद वर्मा-शिमला
हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले शिमला के एक होटल में काम करने वाले मजदूरों की पिछले लंबे समय से चली आ रही वेतन की समस्या को लेकर होटल मजदूर यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त से मिला। यूनियन ने चेताया है कि अगर होटल प्रबंधन ने शीघ्र ही लंबित वेतन, ईपीएफ व ईएसआई की राशि के भुगतान तथा वर्ष 2020 में हुए समझौते को लागू न किया तो आंदोलन तेज होगा। हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन संबंधित सीटू के अध्यक्ष बालक राम व महासचिव विनोद बिरसांटा ने कहा है कि उक्त होटल प्रबंधन ने 135 मजदूरों का जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक के वेतन का भुगतान नहीं किया है जो कि वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का सीधा उल्लंघन है। इससे मजदूरों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। पिछले सोलह महीने से मजदूर बिना वेतन के गुजर-बसर कर रहे हैं परंतु श्रम विभाग खामोश है। श्रम विभाग एक वर्ष पूर्व हुए अपने ही समझौते को लागू नहीं करवा पा रहा है व मूक दर्शक बना हुआ है। प्रबंधन ने मजदूरों का ईपीएफ और ईएसआई का पैसा मार्च 2014 से मजदूरों से काटा है परन्तु इसे ईपीएफ व ईएसआई विभाग में जमा नहीं किया है।

यह ईपीएफ अधिनियम 1952 व ईएसआई अधिनियम 1948 का उल्लंघन है। इस तरह प्रबंधन मजदूरों के लाखों रुपए की राशि को हड़प गया है। इस संदर्भ में बार-बार शिकायतें करने के बावजूद भी ईपीएफ व ईएसआई विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस लाखों रुपये की हेराफेरी के अलावा पिछले सोलह महीने का वेतन न देकर मजदूरों के लाखों रुपये के वेतन को भी प्रबंधन ने नहीं दिया है। इस सब पर श्रम विभाग की खामोशी समझ से परे है। हिमाचल होटल मजदूर लाल झंडा यूनियन सरकार से मांग उठाई है कि होटल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाए ताकि मजदूरों को न्याय मिल सके। प्रतिनिधिमंडल में होटल यूनियन अध्यक्ष बालक राम, ईस्टबोर्न इकाई अध्यक्ष दुष्यंत कुमार, महासचिव कपिल नेगी, रजनीश कुमार, मनोहर शर्मा, कमलेश, विद्यादत्त, सनी, विक्रम शर्मा, ललित कंवर, श्याम शर्मा, हेमन्त ठाकुर, बलवंत मेहता मौजूद रहे। (एचडीएम)