पानी को तरस रहा शहीद का परिवार

ग्रामीणों के विरोध के कारण नहीं लग पाया नल, पानी को दर-दर भटकना पड़ रहा

निजी संवाददाता-भोरंज
ग्राम पंचायत कड़ोहता के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई मुठभेड़ में बीते वर्ष देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद सैनिक अंकुश ठाकुर के परिजनों को आज पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। हालांकि जल शक्ति विभाग कई बार पाइप लाइन डालने का प्रयास कर चुका है, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते नल नहीं लगा है। हिमाचल सरकार ने उनकी शहादत पर जो घोषणाएं की थीं एक साल बीत जाने के बाद भी उसमें से एक-आध को छोड़कर कोई भी पूरी नहीं हो पाई। यह आरोप शहीद के परिजनों ने सरकार पर लगाए है। शहीद सैनिक अंकुश ठाकुर के पिता ने बताया कि घर में पीने के पानी की समस्या बरकरार बनी हुई है और टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इस बाबत जल शक्ति विभाग के अलावा जिला प्रशासन को भी शिकायत की, लेकिन आज तक समस्या हल नहीं हो पाई है, जिसके चलते पेयजल समस्य ज्यों की त्यों बनी हुई है।

शहीद सैनिक अंकुश ठाकुर की माता उषा देवी ने बताया कि कई दिनों से घर में पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए, लेकिन आज उनके परिवार की अनदेखी की जा रही है, जिससे वह बहुत दुखी हैं। प्रशासन व सरकार ने जो घोषणाएं की थी, लेकिन उनमें से भी कुछेक ही पूरी हुई हैं। इस संदर्भ में जल शक्ति विभाग सब-डिवीजन लदरौर के एसडीओ राजेंद्र पठानिया का कहना है कि जितना पानी पूरे गांव को जाता है उतना पानी शहीद अंकुश ठाकुर के घर में लगे नल में भी आ रहा है। क्षेत्र में गर्मियों की वजह से पानी की कमी चल रही है, लेकिन शहीद अंकुश ठाकुर के परिवार को शहीद के नाम पर और एक और नल लगाने की मांग पर विभाग ने प्रोपोजल तैयार कर स्थानीय पंचायत के माध्यम से मनरेगा के तहत कई बार पाइप लाइन बिछाने का प्रयास कर चुका है, लेकिन स्थानीय ग्रामीण पाइप लाइन डालने नहीं दे रहे हैं, जिसके लिए एसडीएम भोरंज भी मौके पर प्रयास कर चुके हैं, परंतु ग्रामीणों के विरोध के चलते नल नहीं लग पाया है।