यमुना में बेखौफ डुबकी लगा रहे लोग

कार्यालय संवाददाता- पांवटा साहिब
पांवटा साहिब में यदि आपको गर्मी से निजात पाने के लिए यमुना नदी में नहाना हो, तो आप यमुना नदी के किनारे लगे चेतावनी बोर्ड को पढ़् कर यमुना नदी में उतरें। यहां के मुख्य स्नानघाट पर हर साल कई जानें जाती हैं, लेकिन अभी तक लोगों की सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। हला कि भारत विकास परिषद ने कुछ दिन पहले यमुना नदी के किनारे सुरक्षा को लेकर चेनें लगाई हैं पर उसके बाद भी बिना सुरक्षा चेनों का इस्तमाल किए नहा रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के लिये एक अदद चेतावनी बोर्ड तो लगा दिया है पर लोग उस बोर्ड का अनदेखा कर के गर्मी में यमुना नदी बेखौफ़ नहा रहे हैं। उत्तराखंड से यमुना में कभी भी पानी छोडऩे की चेतावनी लाउडस्पीकर द्वारा लोगो ंको दी गई है। पांवटा साहिब की यमुना नदी में हर साल औसतन चार.पांच लोग डूबकर मर रहे हैं, परंतु-प्रशासन ने अभी तक भी इस प्रकार से हादसों से बचने के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए हैं। बीते दस सालों का आंकड़ा लें तो मात्र यमुना नदी पांवटा के स्नानघाट पर ही दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। परंतु प्रशासन के पास अभी तक अपने गोताखोर नहीं हैं।

यमुना स्नानघाट पर प्रशासन ने एक चेतावनी बोर्ड लगाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली है। इससे अधिक और कोई व्यवस्था नहीं है। न तो कोई पुलिस कर्मी स्नानघाट पर चेतावनी देने के लिए तैनात होता है और न ही प्रशासन का कोई आदमी इस प्रकार की ड्यूटी पर रखा गया है। अभी कुछ दिन पहले मंडी के दो युवकों ंकी यमुना नदी डूबने से मौत हो गई थी। बुद्धिजीवी वर्ग की मानें तो प्रशासन को यहां पर दिन के समय एक कर्मी तैनात करना चाहिए जो बाहर से आने वाले लोगों को नदी के उतरते चेता सके। प्रशासन को गर्मियों के सीजन में नियमित गोताखोरों की भी व्यवस्था यमुना नदी के किनारे करनी चाहिए। यह कार्य मिलकर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी और स्थानीय प्रशासन कर सकता है। एसडीएम विवेक महाजन ने बताया कि यमुना नदी पर स्नानघाट पर नहाने के लिए अलग से व्यवस्था किए जाने का प्रपोजल है। उससे लोग नदी में उतरने की वजाय उस सुरक्षित स्नानघाट में नहा सकते हैं। प्रशासन भी यमुना नदी में न जाने की चेतावनी देता रहता है। मॉनसून को देखते हुए यमुना नदी में गोताखोरों को भी 24 घंटे मौजूद रखा जाएगा।