लाहुल घाटी में विद्युत परियोजनाओं पर लगे रोक, तांदी बांध संघर्ष समिति ने गडकरी को सौंपा ज्ञापन

By: Jun 27th, 2021 12:05 am

तांदी बांध संघर्ष समिति ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपा ज्ञापन पावर प्रोजेक्ट्स पर मुखर

 चिनाव-चंद्राभागा नदी में 51 जल विद्युत परियोजनाएं प्रस्तावित

 उत्तराखंड के चमोली में आई तबाही से डरे लोगों ने किया विरोध

केलांग – जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की लाहुल घाटी में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण का विरोध एक बार फिर मुखर हुआ है। लाहुल दौरे पर आए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को तांदी बांध संघर्ष समिति ने ज्ञापन देकर चिनाव व चंद्राभागा नदी में जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगाने की मांग की है। तांदी बांध संघर्ष समिति के प्रधान विनोद लार्जे की अगवाई में प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर सिस्सू के रेस्ट हाउस में ज्ञापन सौंपा। हिमाचल प्रदेश में चिनाव व चंद्राभागा नदी पर 16 बड़ी व 35 छोटी जल विद्युत परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। ज्ञापन में समिति ने मांग उठाई है कि चिनाव नदी में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की योजना को निरस्त किया जाए। तांदी बांध संघर्ष समिति द्वारा केंद्रीय मंत्री को 10 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में लाहुल-स्पीति व पांगी में बहने वाली चिनाव व इसकी सहायक नदियों पर परियोजनाओं से सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। समिति के कोषाध्यक्ष दिग्विजय राणा कहते हैं कि हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिला में ग्लेशियर के टूटने से हुई तबाही लाहुल वासियों के दिलो-दिमाग में ताजी है।  समिति के सदस्य विक्रम कटोच का कहना है कि इन परियोनाओं के निर्माण से कृषि, बागबानी तथा पशुपालन बुरी तरह से प्रभावित होंगे।  समिति के प्रधान विनोद बताते हैं कि केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह केंद्र से चिनाव घाटी में प्रस्तावित परियोजनाओं के बारे में चर्चा करेंगे।  प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य पूर्व प्रधान तांदी पंचायत व सलाहकार तांदी बांध संघर्ष समिति सुरेश कुमार उपप्रधान तांदी पंचायत व सलाहकार तांदी बांध संघर्ष समिति वीरेंद्र कुमार,  दिग्विजय सिंह, अजय कुमार मेंबर संघर्ष समिति मौजूद रहे।   (एचडीएम)


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