चल नहीं सकतीं, फिर भी आती रहीं दफ्तर, ड्यूटी के लिए बुलाई गई दिव्यांग कर्मी
सोलन में कोरोना काल में भी अस्पताल में ड्यूटी के लिए बुलाई गई दिव्यांग कर्मी
मोहिनी सूद – सोलन
कोरोना कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक वाहन बंद हैं, बावजूद इसके सोलन के नौणी की शत प्रतिशत दिव्यांग लड़की उमा कुमारी सोलन अस्पताल में अपनी ड्यूटी देती रही। हालांकि प्रदेश सरकार ने कोरोना कफ्र्यू के दौरान दिव्यांगों व गर्भवती महिलाओं को कार्य पर न बुलाने के आदेश दिए थे, लेकिन सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में सरकार के इन आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं।बता दें कि चलने-फिरने में असमर्थ उमा जिला के नौणी से सोलन अस्पताल में ड्यूटी देने आती हैं। उमा को इस दौरान आने-जाने में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। पहले ही उमा कुमारी चलने-फिरने शत प्रतिशत अक्षम हंै, बावजूद इसके सार्वजनिक परिवहन न चलने से उनकी मुसीबत चार गुना हो गई, लेकिन कोविड संकट में इस लड़की के साहस को भुलाया नहीं जा सकता, जो कई संकटों के बाद भी अस्पताल में अपनी डयूटी करने पहुंची।
उमा देवी के अनुसार वह कोविड काल में अपनी सेवाएं देती रही। हालांकि उन्हें आने-जाने में परेशानियों से दो-चार होना पड़ा। वह क्या करतीं, उन्हें अस्पताल बुलाया जाता। उनके अनुसार बीते वर्ष भी कोरोना कफ्र्यू के दौरान सैलरी के लिए उन्हें कई मिन्नतें जिला प्रशासन के अधिकारियों से करनी पड़ी थीं। उधर, अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक श्याम लाल वर्मा ने कहा कि उनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में नहीं लगाई जाती है। उमा जर्नल ड्यूटी करती हैं। बहरहाल प्रदेश सरकार के आदेशों को किस तरह सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में धज्जियां उड़ाई गईं, यह बात साबित करती है कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला में स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारी सरकार की कितनी सुनते हंै। बहरहाल लोग इस लड़की के जज्बे व हिम्मत को सलाम कर रहे हैं। (एचडीएम)
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