इम्युनिटी की मॉडलिंग

By: Jun 14th, 2021 12:05 am

सवाल देश की इम्युनिटी का है, इसलिए हर भारतवासी इसकी मॉडलिंग करने को तैयार होने लगा है। दरअसल मॉडलिंग की ट्रेनिंग तो तब से शुरू हो गई है जब से प्रधानमंत्री के नाम से जुड़ी तमाम योजनाएं हर चुनाव में इम्युनिटी पैदा कर रही हैं। उज्ज्वला योजना के तहत जिन्होंने रसोई गैस की मॉडलिंग होते देखी है, उन्हें विश्वास है कि इसी तरह एक दिन वैक्सीन की भी हो जाएगी। अगर कोविड काल न होता, तो विश्व अब तक हमारी ही मॉडलिंग देख रहा होता। हद तो यह कि पिछले चौदह महीनों में हम चाह कर भी अमरीका सहित अन्य कई देशों में जाकर मॉडलिंग नहीं कर पाए। सूत्र बताते हैं कि हमारी मॉडलिंग के दीवाने कई सभागार-स्टेडियम भी इम्युनिटी देखने को उतावले हैं। वे चाहते हैं कि भारत के लोग गंगा में बहने के बजाय पुराने रंग में आएं और विश्व गुरु बनें। उन्हें मालूम है कि चाहे हमें वैक्सीन की डोज मिले या न मिले, हर भारतीय के भीतर विश्व गुरु बनने की अद्भुत इम्युनिटी है।

 हमने बिना डोज वैक्सीन के विश्व गुरु बनने का खिताब हासिल किया है, तो यह हमारी क्षमता है। हमने ठेठ कोरोना काल में महाकुंभ इसीलिए किया ताकि वहां पहुंच कर हर भारतीय ‘विश्व गुरु’ साबित हो। जो काम विज्ञान न कर पाए या जिससे पूरा संसार भयभीत हो, वह हम कर दिखाते हैं। हम हर काम इम्युनिटी निरीक्षण के तहत करते हैं, इसलिए बंगाल चुनाव में असली जीत तो उस मॉडलिंग की है जिसने पूरे विश्व को हैरान किया। हैरानी पैदा करना ही हमारी इम्युनिटी है। पूरा विश्व चकित था, लेकिन हमने अपने लोगों के हिस्से की वैक्सीन बाहर भेज कर साबित किया कि है कोई माई का लाल जो दूसरे देश में तालियां बजाने के लिए भूखा-प्यासा रह सकता है। दरअसल भूख-प्यास हमारी इम्युनिटी के बूस्टर हैं और इसलिए हम कोशिश करते रहेंगे कि कहीं किसान की आय दुगनी न हो जाए। अब तो लॉकडाउन व कर्फ्यू भी हमारे लिए टॉनिक से कम नहीं।

 हमें मालूम है कि इससे बेहतर आर्थिकी में इम्युनिटी पैदा नहीं हो सकती। जो कोरोना से बचेंगे, वे तमाम भारतीय, हमारी इम्युनिटी के मॉडल ही तो साबित होंगे और इसी तरह कर्फ्यू-लॉकडाउन लगा-लगा कर हम अपनी पिछड़ी आर्थिकी के बावजूद ऐसे लौह पुरुष पैदा करेंगे, जो बार-बार सदमे सहकर भी भारतीय भावना का झंडा बुलंद करते रहेंगे। इसी कोरोना काल ने बता दिया कि देश की सबसे अधिक आर्थिक इम्युनिटी अंबानी और अडानी के पास है तो यह करिश्मा भारत ही कर सकता है, बल्कि कल इसी तर्ज पर हर व्यापारी को कोशिश करते हुए याद रखना होगा, ‘वह है, तो मुमकिन है।’ विश्व की सबसे बड़ी इम्युनिटी प्रयोगशाला स्वयं भारतवर्ष रहा है और आइंदा भी भयभीत होने वाले प्रश्नों का हल होने से पहले, यह घोषणा कर सकते हैं कि आएगा तो भारत ही। देश के लिए इम्युनिटी पैदा करने का मंत्र हमसे कोई चुरा न ले, इसलिए हम कई बार बिना कुछ किए भी मॉडलिंग कर सकते हैं। हमारी इम्युनिटी का टेस्ट किसी भी प्रयोगशाला को अवैध बना सकता है, क्योंकि हम हर चुनाव को जीतने के लिए खुद से भी अप्रभावित और असंवेदनशील रह कर बच जाते हैं और देश को बचा लेते हैं। ट्रंप ने अमरीका को भारतीय इम्युनिटी सिखाने की कोशिश की, लेकिन खुद हमारी जैसी मॉडलिंग न कर पाने की वजह से मुंह की खानी पड़ी। हम लोकतंत्र की ऐसी इम्युनिटी पैदा कर चुके हैं, जहां जो सबसे अधिक या बेहतरीन मॉडलिंग करेगा, वही हमारा नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री होगा।

निर्मल असो

स्वतंत्र लेखक


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App