प्रोमोशन में टेट अनिवार्यता मंजूर नहीं, केंद्रीय शिक्षामंत्री को भेजा मांगपत्र, शर्त को हटाने की मांग की
निजी संवाददाता – भोरंज
हिमाचल प्रदेश राजकीय टीजीटी आट्र्स एसोसिशन ने नई शिक्षा नीति के तहत पदोन्नति में टेट की शर्त को अनिवार्य करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसके लिए संघ के केंद्रीय शिक्षा मंत्री, प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुंख्यमंत्री प्रो. धूमल, शिक्षामंत्री गोविंद ठाकुर को ज्ञापन भेजकर इस शर्त को हटाने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी श्रेणी के शिक्षकों को टेट लगाए जाने की बात कही गई है। इसे लागू करने से पहले शिक्षक व शैक्षणिक हित को सर्वोपरि रखना होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश व अन्य कई राज्यों में लंबे समय से शिक्षकों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कुछ पद सीधी भर्ती और कुछ पद पदोन्नति प्रक्रिया से भरे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीधी भर्ती से पद भरते समय टेट पास की शर्त अनिवार्य होनी चाहिए, लेकिन कोई भी शिक्षक एक बार अध्यापक बनने की पात्रता हासिल कर लें, तो उसे कन्फर्म अध्यापक माना जाए तथा आगामी किसी भी पदोन्नति के लिए टेट अनिवार्यता की शर्त न लगाई जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पदोन्नति के लिए पांच साल के नियमित सेवाकाल की शर्त रखी गई है। इस सेवाकाल को ही टेट के समतुल्य माना जाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि शिक्षक के बहुत बड़े वर्ग के बारे में केंद्रीय शिक्षामंत्री को अवगत करवाया जाए, ताकि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और एनसीटीई को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, जिसमें शिक्षक भर्ती और पदोन्नति नियम बनाते समय उक्त नियामावली को सुनिश्चित बनाया जाए। इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन ठाकुर, कोषाध्यक्ष संजय ठाकुर, महासचिव विजय हीर, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा, ऊना जिलाध्यक्ष रविंद्र गुलेरिया, हमीरपुर अध्यक्ष डा. सुनील शर्मा व देश राज चौधरी उपस्थित रहे।
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