हमें क्यों भुला दिया सरकार, कोरोना टेस्ट करने को मोर्चे पर डटे बीएएमएस डाक्टर व्यवस्था से खफा

By: Jun 6th, 2021 12:07 am

कोरोना टेस्ट करने को मोर्चे पर डटे बीएएमएस डाक्टर व्यवस्था से खफा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—धर्मशाला

प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के तहत कोरोना काल में अन्य डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पीपीई किट पहन टेस्ट करने का काम संभाले डाक्टरों के एक वर्ग में व्यवस्था के प्रति नाराजगी है। कोरोना काल में सभी वर्गों को उनकी सेवाओं के बदल इन्सेंटिव सहित अन्य सम्मान मिल रहा है, लेकिन एनएचआरएम के तहत भर्ती हुए बीएएमएस डाक्टर इन सुविधाओं से दूर हैं। दिन-रात सेवाएं देने के बावजूद अनेदेखी का डाक्टरों के इस वर्ग में रोष है। देश के कई राज्यों में डाक्टर कोरोना काल में भी विभाग के साथ खड़े होने के बाजाय सड़क पर नारे लगा रहे हैं, वहीं हिमाचल के डाक्टरों सहित पूरा स्टाफ इमानदारी से अपने-अपने काम में डटा हुआ है। कोविड-19 से पहले एनएचआरएम के तहत भर्ती बीएएमएस डाक्टर स्कूलों व आगंनबाड़ी केंद्रोें में बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते थे, लेकिन इस दौर में शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए, तो इनकी ड्यूटी कोरोना टेस्ट करने से लेकर अन्य कार्यों में लगा दी।

 प्रदेश भर में सभी डाक्टरों ने अपने स्टाफ से मिलकर लगातार प्रयास करते हुए कोरोना से राहत दिलाई, लेकिन हालात यह हैं कि जब सुविधाएं देने की बारी आई तो इन्हें छोड़ दिया, जिससे समान काम करने के बावजूद जब भेदभाव हुआ, तो डाक्टरों का यह वर्ग निराश हुआ। हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि इस दौर में 90 दिन तक सेवाएं देने वालों को राज्य सरकारें नियमित करें। बावजूद इसके अब यह सरकार की ओर देखते हुए न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इन प्रहरियों पर सरकार की नजर कब तक पहुंचती है।


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