संयुक्त परिवारों का अस्तित्व खतरे में

By: Jul 24th, 2021 12:22 am

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. डेजी ठाकुर ने घरेलू हिंसा पर किया एकदिवसीय कार्यशाला पर दी जानकारी

नगर संवाददाता- ऊना
हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग के सौजन्य से शुक्रवार को बचत भवन ऊना में घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। शिविर का अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष डा. डेजी ठाकुर ने की। अपने संबोधन में डा. डेजी ठाकुर ने कहा कि वर्तमान समय और कुछ दशक पूर्व के समय की अगर तुलना करें, तो हम पाएंगे कि परिवार रुपी संस्था में भी बढ़ी तेजी से बदलाव आया है। संयुक्त परिवारों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है और अब एकांकी परिवार अधिक देखने को मिल रहे हैं। आपसी सामंज्य, विश्वास, सेवाभाव, आदरभाव जैसे पारिवारिक मूल्यों में कमी आई है। पूर्व में यदि दंपत्ति के मध्य कोई मतभेद उत्पन्न होते थे, तो बड़े-बुजुर्गों के हस्तक्षेप से उन्हें तुरंत सुलझा लिया जाता है। लेकिन आज एकांकी परिवार में दंपत्ति के आपसी मतभेद इस हद तक बढ़ जाते हैं कि मामला पुलिस व न्यायालय तक पहुंच जाता है।

आज घरेलू हिंसा जैसी कुरीति को समाप्त करने के लिए पारिवारिक मूल्यों को संजोए रखने की नितांत आवश्यकता है। डा. डेजी ठाकुर ने कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा व उत्पीडऩ से संरक्षण प्रदान करने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि किसी महिला के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार किया जाता है, तो वह अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाकर न्याय प्राप्त कर सकती हैं। राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा ने जिला ऊना में महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की सराहना करते हुए बेटियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्रियान्वित की गई मेरे गांव की बेटी मेरी शान, आशीर्वाद योजना, बालिका सुरक्षा योजना, गरिमा योजना तथा एक बूटा बेटी के नाम जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए अधिकारियों को बधाई दी। इस अवसर पर सीडीपीओ ऊना कुलदीप सिंह दयाल, सीडीपीओ बंगाणा हरीश मिश्रा, सीडीपीओ अंब अनिल कुमार, पुलिस विभाग की ओर से एसआई सुमन शर्मा, एएसआई आशा देवी सहित अन्य उपस्थित रहे।


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