अतुल कुमार का दूसरा काव्य प्रकाशित

किताब में जीवन के कई पहलुओं को छूतीं 58 रचनाएं

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—सोलन
सोलन के पतरू गांव से निवासी और प्रदेश के लेखक एवं कवि अतुल कुमार का दूसरा काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुका है। इस काव्य संग्रह का नाम अतुलनीय रचनाएं है। वह इससे पहले अपना पहला काव्य संग्रह जीवन में अल्पविराम लिख कर साहित्य के क्षेत्र में अपनी धाक जमा चुके हैं। इस पुस्तक में उन्होंने लगभग अठावन रचनाएं जीवन के कई पहलुओं को छूती हुई लिखी हैं और उनको जीवंत किया है। इस संग्रह की प्रथम कविता अनमोल रत्न में उन्होंने अपनी बेटी के दुनिया में आगमन, फिर उसका परिवार के लोगों का मन मोह लेना बखूबी वर्णित किया है। बेटी के लिए ऐसी भावनाओं की जरूरत है, जैसे जिस दिन मेरे घर में मेरी बेटी ने कदम बढ़ाया। उस दिन मैंने जीवन का अनमोल रत्न पाया था। इसके अतिरिक्त इस काव्य संग्रह में भक्ति, इनसानियत, नशे पर, मुखोटा, गम और खुशी, व्यर्थ न झुक जाइए और नारी के हर पहलू को इस संग्रह में दर्शाया है, जिसमें कुछ संवेदनशील, कुछ प्रेरणादायक रचनाएं है।

ऐसी कविताएं हर किसी को हौसला दे सकती है और कविता पीड़ा, उमंग दोनों ही स्थितियों में निहित है। अतुल जी के काव्य में एक तरफ दर्द भरी संवेदना तो दूसरी ओर उत्प्रेरणा का पुट समाहित है, जिसके लिए अतुल जी साधुवाद और हार्दिक प्रशंसा के पात्र है। अतुलनीय रचनाएं में कलम के धनी अतुल कुमार ने जीवन के छुए-अनछुए पहलुओं को भाव प्रधान बनाकर प्रस्तुत किया है। इस काव्य कृति की यह विशेषता है कि इसमें सभी रचनाएं बेहद सरल और सहज शब्दों में प्रस्तुत की गई है, जो पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। यह काव्य संग्रह वर्तमान अंकुर प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित किया गया है, जो एमेजॉन के ऑनलाइन स्टोर पर उपलब्ध है।