पुस्तक समीक्षा : अध्यापक की जीवनी एक सार्थक साहित्यिक प्रयास

By: Jul 18th, 2021 12:04 am

लेखक डा. धर्मपाल साहिल ‘अध्यापक : एक जीवनी’ (अध्यापकीय संस्मरण) लेकर आए हैं। डा. हरमहेंद्र सिंह बेदी इसके संपादक हैं। अध्यापन से मिले अनुभवों को 278 पृष्ठों में समेटा गया है।इंडिया नेटबुक्स प्रा. लि. नोएडा इसके प्रकाशक हैं। पुस्तक का मूल्य 450 रुपए है। धर्मपाल साहिल का यह साहित्यिक प्रयास नया एवं मौलिक है। चार दशक जिस व्यक्ति ने पठन-पाठन, अध्ययन-अध्यापन में लगाए हों, उसकी जिंदगी का एक-एक पल अनूठे अनुभवों से भरा होता है। अपने इन अध्यापकीय अनुभवों को लेखक ने बड़ी ईमानदारी के साथ लिखा है। कहीं कुछ छिपा नहीं और न ही उसने खुद को मसीहाई अंदाज में पेश किया। धर्मपाल साहिल की यह प्रतिबद्धता चुनौतियों के माध्यम से भी आलोकित हुई है।

सेवानिवृत्ति से पहले जो कुछ उसे अध्यापकीय धर्म को निभाते हुए कटु सत्य के रूप में प्राप्त हुआ, उसे उसने सहज रूप में अपने परिश्रम का ही फल समझा। अध्यापक : एक जीवनी कृति मात्र सर्वेक्षण नहीं, बल्कि स्थितियों का यथार्थपरक विश्लेषण है। बहुत कुछ इस कृति से सीखा जा सकता है कि आखिर पंजाब की स्कूली शिक्षा का पुनः निर्माण कैसे हो। यह कृति अध्यापक रिफ्रेशर कोर्स, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्यापकों को पढ़ने के लिए दी जानी चाहिए, ताकि वे जान सकें कि हम क्या कर रहे हैं? यह कृति धर्मपाल साहिल के अध्यापकीय जीवन की राम कहानी नहीं, अपितु पंजाब के वृहद शिक्षा जगत का वह दर्पण है, जिसमें सरकार को, स्कूली शिक्षा से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों को तथा अध्यापक वर्ग को भी झांकने की जरूरत है। एक आदर्श शिक्षा प्रणाली क्या हो सकती है, इस विषय की इस किताब में झलक देखी जा सकती है। आशा है शिक्षण से जुड़े लोगों को यह किताब पसंद आएगी।

-फीचर डेस्क

पर्वत श्रृंखला से महासागर तक के अनुभूत संस्मरण

महासागर की लहरें उठकर जैसे तीव्र गति से फैनिल श्वेतिमा की अर्द्धगोलाकार आकृति में दौड़ती हुई धीरे से स्पर्श करके लौट जाती हैं, उनकी यह बारंबार छुअन उल्लसित करके जिज्ञासा, आकर्षण और आश्चर्य से भर जाती है। ऐसे ही शेर सिंह जी के संस्मरण ‘यांरा से वॉलोंगॉन्ग’ यादों के प्लावित महासागर की लहरों से तन-तन को भिगो कर आनंद व सुखकर अनुभूतियों से छूकर लुप्त हो जाते हैं। उनकी छुअन के अहसास ही ऐसे हैं, यह प्रथम दृष्टया अनुभव करके गौरवान्वित हुई हूं। अद्भुत रोचकता के सूत्र में अनुबंधित और चुंबकीय आकर्षण में खिंचते चले जाने की बात हो तो भाषा के सरलतम माध्यम से इन संस्मरणों में पाठक का खो जाना स्वाभाविक है। संक्षिप्तता से अपनी बात कह जाना कितना रोचक लगता है। सार व संक्षेप में कही थोड़ी बात, जैसे निरंतरता भरे अर्थों का निर्झर बन गई हो। समय, देशकाल, वातावरण, संवाद सभी तत्त्वों से भरे ये संस्मरण रोचक और रस से भरे हुए, जैसे पाठक से बतिया रहे हों। संस्मरण में शामिल रचनाएं व्याकुल मन को जैसे मुग्ध भाव से भरती जाती हैं। पहला संस्मरण ‘सबरीमला मंदिर’ पर केंद्रित है। आस्था व विश्वास के धागों में लिपटा, इसका वर्णन नई जानकारी से लबालब भरा है। ‘विकसित देशों का सच’ शीर्षक से प्रकाशित, ऑस्ट्रेलिया के बारे में लिखा गया एक जानकारी भरा निबंध है। सुरुचिपूर्ण ढंग से व्यवस्थित व संयोजित, क्रम से कौतूहल एवं जिज्ञासा के ध्वज फहराते हुए, एक के बाद दूसरी तरंग में ले जाने वाला, फिर उत्सुकता की दहलीज़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ‘वेल्लूर का ऐतिहासिक किला’ जहां पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के हत्यारे कैद हैं। इस किले का इतिहास भी रोचक है।

अब बारी है शीर्षक से संबंध रखने वाले संस्मरण ‘यांरा से वॉलोंगॉन्ग’ की। यांरा मतलब यंगरंग! हिमाचल प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र लाहुल-स्पीति के एक छोटे से गांव, यंगरंग से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर तक की लंबी यात्रा को जिस ढंग से लेखक ने उकेरा है, उससे ऐसा लगता है मानो लेखक के साथ हमने भी वहां की यात्रा कर ली है। प्रस्तुत पुस्तक के संबंध में इतना ही कहा व लिखा जा सकता है कि रुचि व उत्सुकता, जिज्ञासा के अहसास से भरी है। संस्मरण ‘आगे क्या’ की अवश्यंभावी प्रक्रिया से भरे हुए हैं। एक बार जो संस्मरण पढ़ना आरंभ हो जाए, तो उसे पूरा करके ही मन शांत होता है। सभी संस्मरण इतने लंबे भी नहीं हैं, जो उकताहट पैदा करें। लेखक के सौम्य स्वभाव, प्रशंसनीय प्रयास, क्रम संयोजन, कौतूहल, नव भुवन को समझने के परिचायक हैं। यह कहना सही होगा कि स्वयं पढ़कर जो आनंद आता है, वह केवल जानने भर से नहीं आ सकता है। पुस्तक के प्रकाशक भावना प्रकाशन दिल्ली हैं। प्रथम संस्करण-2020 है। त्रुटिरहित और उत्तम छपाई पुस्तक के अन्य गुण हैं। हार्ड बाऊंड पुस्तक का मूल्य 395 रुपए है। यात्रा व संस्मरण साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए एक अत्यंत उपयोगी, पठनीय एवं सहेजने योग्य पुस्तक है।

-हरिप्रिया, साहित्यकार


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App