हिंद महासागर में चीन की निकलेगी हेकड़ी, दो युद्धपोतों को हमेशा तैनात रखेगा ब्रिटेन

By: Jul 22nd, 2021 12:08 am

एशिया में दो युद्धपोतों को अब हमेशा तैनात रखेगा ब्रिटेन

एजेंसियां — लंदन

एशिया में दुनियाभर की नौसेनाओं की बढ़ती ताकत से बेचैन ब्रिटेन भी अपने दो युद्धपोतों को हमेशा के लिए तैनात करने जा रहा है। ये युद्धपोत हिंद महासागर, दक्षिणी चीन सागर, अदन की खाड़ी समेत पूरे एशिया में गश्त लगाकर ब्रिटिश हितों की रक्षा करेगा। ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर के अपने फ्लीट के साथ हिंद महासागर होते हुए जापान जाने के बाद वह एशियाई क्षेत्र में दो युद्धपोतों को स्थायी रूप से तैनात करेगा। हाल के दिनों में ब्रिटेन और जापान के बीच रक्षा संबंधों में तेजी देखी गई है। यही वजह है कि क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर अपने पूरे लाव लश्कर के साथ चीन की नाक के नीचे जापान के साथ युद्धाभ्यास करेगा। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने मंगलवार को टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष नोबुओ किशी के साथ एक संयुक्त घोषणा में कहा कि कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के जापान पहुंचने के बाद यूनाइटेड किंगडम इस साल के अंत से स्थायी रूप से इस क्षेत्र में दो जहाजों को तैनात करेगा। ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने कहा कि हम जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने के प्रयासों का पुरजोर विरोध करते हैं। हम कानून के शासन के आधार पर एक स्वतंत्र और खुले इंडो पैसिफिक का समर्थन भी करते हैं। माना जा रहा है कि ब्रिटिश रक्षा मंत्री का यह बयान सीधे-सीधे चीन के लिए चुनौती है। चीन लंबे समय से दक्षिण चीन सागर के अधिकतर हिस्सों पर अपना दावा करता है। इतना ही नहीं, वह समुद्र में आर्टिफिशियल द्वीप बनाकर समुद्र के स्वतंत्र परिवहन को भी बाधित करने का प्रयास कर रहा है।

लद्दाख के बाद अब उत्तराखंड में एलएसी के पास गतिविधियां बढ़ा रहा ड्रैगर, भारत भी सतर्क

नई दिल्ली। पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से लद्दाख में भारत के साथ जारी तनातनी के बीच चीनी सेना ने उत्तराखंड के बाराहोटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। हाल ही में इस इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक टुकड़ी को सक्रिय देखा गया। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में पीएलए की 35 सैनिकों वाली एक प्लाटून को उत्तराखंड के बाराहोटी इलाके के आसपास का सर्वेक्षण करते देखा गया था। उन्होंने बताया कि चीनियों को इस क्षेत्र के आसपास थोड़े समय के अंतर पर कुछ गतिविधि करते देखा गया है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिक वहां रहने के दौरान लगातार इलाके का सर्वेक्षण करते रहे। सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी उस इलाके में अपने पर्याप्त इंतजाम कर लिए हैं। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को देखकर ऐसा लगता है कि चीनी इस क्षेत्र में कुछ गतिविधियां करना चाहते हैं हालांकि पूरे मध्य सेक्टर में भारत की तैयारी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और केंद्रीय सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई डिमरी ने भी हाल के दिनों में चीन के साथ केंद्रीय क्षेत्र की सीमा का दौरा किया है और वहां की स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की है।


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