पहाड़ों की रानी के हुस्न पर कंकरीट का ‘धब्बा’, पत्थर उखाड़ कर लगाए जा रहे कंकरीट के डंगे

By: Jul 22nd, 2021 12:08 am

स्मार्ट सिटी में अंग्रेजों के जमाने के पत्थर उखाड़ कर लगाए जा रहे कंकरीट के डंगे

राज्य व्यूरो प्रमुख-शिमला

हिल्स क्वीन शिमला की हेरिटेज वैल्यू को बचाने के लिए घोषित की गई स्मार्ट सिटी डंगा सिटी बन गई है। केंद्र की मोदी सरकार ने शिमला को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अब तक करीब 200 करोड़ की राशि भेजी है। प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित करने वाले इस शहर में कंकरीट के डंगे लग रहे हैं। इसके चलते स्मार्ट बनने की बजाए पहाड़ों की रानी के हुस्न पर कंकरीट का धब्बा लग रहा है। हालांकि इससे शिमला शहर की संकरे सड़क मार्ग चौड़े और यातायात के लिए आरामदायक हो रहे हैं। सही मायने में शिमला शहर का विकास भी स्मार्ट सिटी के बहाने अब दिखने लगा है। बावजूद इसके पत्थर उखाड़ कर कंकरीट के डंगों में बदल रही शिमला सिटी पर विकास का ग्रहण लगना शुरू हो गया है। जाहिर है कि केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों का स्मार्ट सिटी के लिए चयन कर इन्हें मॉडल के रूप में पेश किया है।

इसी कड़ी में गंदगी व कचरे के ढेर वाली इंदौरा सिटी में अब आकर्षक गार्डन बन गए हैं। इसी तरह अमृतसर को गोल्डन सिटी बनाया गया है। कमोवेश यही कवायद शिमला की हेरिटेज वैल्यू को बचाने के लिए शुरू हुई थी। उल्लेखनीय है कि शिमला शहर के एक लाख से ज्यादा लोगों ने फॉर्म भरकर शिमला के पुरातत्व महत्त्व को बरकरार रखते हुए पार्किंग के साथ यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने सहित पेयजल सुविधा की प्राथमिकता मांगी थी। इस अभियान के बाद स्मार्ट सिटी शिमला की 50 प्राथमिकताएं निर्धारित हुई थी। प्रदेश की जयराम सरकार ने सत्ता में आने के बाद स्मार्ट सिटी के खजाने जनता के लिए खोले और अब तक 193 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सरकार की इच्छा शक्ति के चलते राजधानी की कायाकल्प भी हो रही है। इसके लिए बाकायदा 150 करोड़ से ज्यादा की राशि लोक निर्माण विभाग, सीपीडब्ल्यूडी और नगर निगम को दिए हैं। हैरत है कि इन निर्माण एजेंसियों ने स्मार्ट सिटी के महत्त्व को गड्ढे में डाल कर इसे डंगा सिटी बना दिया है।

ब्रिटिशकाल के डंगे उखाड़े

निर्माण एजेंसियों ने इससे भी ज्यादा पीड़ादायक स्थिति ब्रिटिशकाल के पत्थर से चिनाई वाले डंगों को उखाड़ कर पैदा कर दी है। शिमला को हिल्स क्वीन का दर्जा देने वाले सड़क के दोनों और घड़ाई वाले पत्थर आकर्षण का केंद्र थे। सड़क चौड़ाई का काम कर रही निर्माण एजेंसियों ने शिमला की धरोहर कहे जाने वाले इन पत्थरों को खुर्द-बुर्द कर कंकरीट के डंगे लगाने शुरू कर दिए हैं। यही कारण है कि अब शिमला को बाहर से आने वाले पर्यटक स्मार्ट सिटी की जगह डंगा सिटी कहने लगे हैं। हैरत है कि शिमला के कार्ट रोड में सभी जगह पत्थरों को उखाड़ कर कंकरीट की दीवारें लगाई जा रही है।


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