रामपुर में चालक-परिचालक सड़कों पर; नहीं दौड़ाई बसें, निजी आपरेट्र्ज ने संभाला मोर्चा

By: Jul 25th, 2021 12:55 am

मेहेंद्र बदरेल— रामपुर बुशहर
आरएम शिमला के तबादले को लेकर रामपुर डिपो के चालक-परिचालक सड़कों पर उतर गए हैं। शनिवार को सुबह से ही डिपो की बसें नहीं चल पाईं। चालक व परिचालकों ने कहा कि जब तक आरएम शिमला-एक का स्थानांत्रण रद्द नहीं किया गया तब तक डिपो की बसें नहीं चलेंगी। वहीं, दूसरी और निजी बस आपरेटरों ने कहा है कि सरकारी बसों के बंद होने से लोगों को जो परेशानी होगी वह उसे समय रहते दूर कर देंगे। जिस भी रूट पर बस भेजने की आवश्यकता होगी वह उस रूट पर निजी बसों को भेजकर लोगों को सहूलित देंगे। जिस तरह से मामले ने तूृल पकड़ा है, उससे साफ लगता है कि यह मामला जल्द शांत होने वाला नहीं है। बताते चलें कि हाल ही में आरएम शिमला-एक के क्षेत्रीय प्रबंधक देवासेन नेगी का तबादला शिमला से अन्य जगह के लिए हो गया है। चालक व परिचालकों का कहना है कि उनका तबादला राजनीतिक द्वेष से किया गया है।

जिस तरह से दो दिन पहले आरएम शिमला की बात निजी बस आपरेटर से हो रही थी, उसमें साफ है कि उक्त निजी बस आपरेटर आरएम को तबादले की धमकी दे रहा था और दो दिन बाद उनका तबादला हो जाता है। ऐसे में साफ है कि सरकार निजी आपरेटर के दबाव में आकर काम कर रही है। इसी बात का विरोध जिला शिमला के चालक व परिचालक कर रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ के सदस्य धर्म सिंह व पंकज कुमार ने कहा कि पहले ही डिपो घाटे में जा रहा है। वहीं दूसरी और निजी आपरेटर के दबाव में सरकार इस तरह के फैसले ले रही है, ऐसे में डिपो कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। धर्म सिंह ने कहा कि आरएम का तबादला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, जिसे सरकार तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। कर्मचारियों ने कहा कि अगर तबादला रद्द नहीं होता तो समस्त कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी परिवहन डिपो की होगी। वहीं, दूसरी और निजी बस आपरेटरों ने कहा कि किसी का भी तबादला सरकार द्वारा तय समय अवधि पर होता है। ऐसे में उक्त अधिकारी का तबादला भी उसी नियमों के तहत हुआ है, लेकिन कुछ लोग बेवजह उस मामले को तूल दे रहे है। (एचडीएम)


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