अच्छे या बुरे हैं…पर भगवान के ही बच्चे है

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- ऊना
भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि हमें सद्मार्ग पर ले जाएं बुरे कामों से दूर रखे। उक्त प्रवचन राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने शनिवार को श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर चल रहे धार्मिक समागम के दौरान प्रवचन वर्षा करते हुए किए। गुरु पूर्णिमा के चलते शनिवार को बाबा बाल जी आश्रम में भक्तों का खूब सैलाब उमड़ा और भक्तों ने राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज के चरणों में शीश नवाया और आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि मनुष्य के जीवन में भक्ति का बड़ा महत्त्व है, जहां दीनता व नम्रता है, वहीं असली भक्ति है। उन्होंने कहा कि वेदब्यास जी ने महाभारत जैसा बड़ा धार्मिक ग्रंथ लिखा, लेकिन मन को संतुष्टि नहीं मिली तो इस नारद जी ने कहा कि आपने जो भी पुराण व ग्रंथ लिखें हैं उनमें कृष्ण भक्ति नहीं लिखी है। अगर सच में संतुष्टि पानी है तो कोई ऐसा मंत्र लिखे, जिसमें केवल भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का ही उल्लेख हो।

उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से ही शांति मिलती है और जितनी बार कथा सुनोगे मन उतना ही भगवान के चरणों में लगेगा। जब भी भगवान का नाम स्मरण करें तो आंखों के सामने भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जैसे भी अच्छे या बुरे हैं, लेकिन है भगवान के बच्चे। इसलिए हमें उन्हें कभी भूलना नही चाहिए। मन बड़ा पापी है इसलिए इस पर नियंत्रण रखने के लिए प्रभु नाम के सुमिरन का सहारा लें। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि कथा श्रवण करने का अवसर हर किसी को प्राप्त नही होता है। इस पर भगवान की कृपा हो उसी को इस पवित्र ग्रंथ को सुनने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इस संसार में आपके काम कभी भी समाप्त नही होंगे। उन्होंने कहा कि हम ज्ञानपूर्वक अपने को पहचानें। मोक्ष की कामना रखने वाला पापी भी मुक्त हो जाता है। भगवान की कथा जीवन की सारी चिंता एवं थकान मिटा देती है।