आधे-अधूरे काम ने बढ़ाई परवाणू की प्यास

कौशल्या नदी पर 2018 में पूरा होना था डैम का काम, ठेकेदार को दो बार भेजा नोटिस

निजी संवाददाता-परवाणू
परवाणू शहर में कई वर्षों से पेयजल आपूर्ति के लिए कौशल्या नदी पर बन रहे डैम का कार्य अधूरा रहने से परवाणू के स्थानीय वासियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके कारण लोगों में हिमुडा विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। डैम का कार्य अधूरा रहने से न केवल इस प्रोजेक्ट की लागत बढ़ रही है। वहीं, समय पर कार्य पूरा न होने से अब तक जो भी कार्य हुआ है, उसको भी लगातार खतरा बना हुआ। जिस उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया है वो भी व्यर्थ हो जाएगा। नप परवाणू के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान वार्ड नंबर छह पार्षद ठाकुर दास शर्मा भी हैरान है। उनके कार्यकाल के अतिंम वर्षो में जो डैम का कार्य हुआ था, उसके बाद से कोई कार्य इस पर नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि उक्त डेम को कांग्रेस की केंद्र सरकार के माध्यम से 2012 में उक्त परवाणू पेयजल योजना के सुधारीकरण के लिए सात करोड़ रुपए शहरी विकास विभाग को स्वीकृत किए थे, जो नप परवाणू को विभाग ने कार्य के लिए स्वीकृत किए थे।

नप परवाणू ने इतने बड़े प्रोजेक्ट होने के कारण इसको हिमुडा विभाग के माध्यम से करवाने के लिए हिमुडा को सात करोड़ दिए थे। हिमुडा द्वारा वर्ष 2017 में इसका कार्य शुरू करवाया जो कि एक वर्ष 2018 में पूर्ण होना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा डेम का स्ट्रक्चर तो तैयार किया, लेकिन उसमें जरूरी 3 फाटक, बेड एरिया, डेम के सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्य अभी भी अधूरे पड़े हंै, जिसको भारी बारिश कभी भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसके बारे में नप परवाणू ने कई बार पत्र लिखकर इस अधूरे कार्य को जल्द पूर्ण करने के बारे में लिखा, ताकि गर्मियों में जो तीन से चार माह पेयजल किल्लत होती है, उससे लोगों को राहत दिलाई जा सके, लेकिन कार्य अधूरा रहने से इसका परिणाम स्थानीय लोगों को उठाना पड़ रहा है। सरकार जल्द इस विषय में कार्य को पूर्ण करने बारे अधिकारियों को आदेश दें। इसके बारे में जब हिमुडा के उपमंडल अधिकारी परवाणू एसपी कपिलेश से आधे अधूरे कार्य पूर्ण न होने बारे पूछा तो उन्होंने इसकी मौके पर निरीक्षण में कार्य अधूरे रहने की पुष्टि की। उक्त कार्य पूर्ण न होने पर डैम निर्माणाधीन स्ट्रक्चर के ठेकेदार को दो बार नोटिस जारी किया गया है, जिसकी पूर्ण जानकारी हिमुडा परवाणू डिवीजन के अधिषासी अभियंता को दे दी गई। फिलहाल हिमुडा के उक्त प्रोजेक्ट्स के कार्य अधूरे रहने से लोग इसके लाभ से वंचित रह रहे है।