भक्ति का मार्ग

By: Jul 24th, 2021 12:20 am

बाबा हरदेव

गतांक से आगे…

जब वह उस तार के ऊपर सहज भाव से चलता जाता है, तभी वास्तव में उसकी ज्यादा जय-जयकार होती है। इसी तरह से इस मार्ग के ऊपर भी जो चल पड़ता है, उसको भी संसार में यश प्राप्त होता है। भक्त का ऐसा ही जीवन होता है। वह आठों पहर प्रभु की कृपा मानता है और कभी अपने आपको कर्ता नहीं मानता। कभी अपने आपको दाता भी नहीं मानता। यह जानता है कि दाता एक है, एक ही देने वाला है। यह पालन-पोषण करने वाला है। हमेशा आठों पहर इसका ही शुकराना करता है। जब वह ठंडे में गर्म में, उतार में-चढ़ाव में एक प्रभु को ही कर्ता मानकर चलता जाता है, तो इसका जीवन सरल बन जाता है, वरना कदम-कदम पर ये डोल सकता है। बहुत यश मिल जाए, तब भी डोल जाता है और यदि हाथ से कोई सांसारिक वस्तु चली जाए, तब भी ये डुलायमान हो सकता है। तब भी इसकी मायूसी वाली अवस्था हो सकती है। एकरस जो चलता है, वह वास्तव में भक्त होता है और एकरस तभी हो सकता है, जब अपना पूर्ण विश्वास दातार के ऊपर रखता है। अपना अकीदा इस दातार पर रखता है। सेवादार भाई कन्हैया की दृष्टि से सब की सेवा करता है। वह अच्छे बुरे या अपने बेगाने का फर्क, सेवा में नहीं करता।

बुरयां नाल सब बुरा करदे, माफ करन कई सियाने।

बुरयां नाल फिर नेकी करना, ए गुरु नानक जाने।।

यानी बुरे का भी भला कर। साधसंगत! गुरमुखों, महापुरुषों, संतों, भक्तों के मन में ऐसी भावना होती है। हम महापुरुषों की सखियां पढ़ते हैं। हम महापुरुषों के जीवन की गाथाएं गाते हैं, सुनते हैं, सुनाते हैं। उसमें भी हमें यही मिलता है कि महापुरुषों के साथ कैसा भी व्यवहार किया जाता रहा, लेकिन वे उनका भी भला चाहते हैं और यही मांगते हैं कि अज्ञानतावश यह इनसान इस तरह से कर रहा है। दादू भगत के बारे में भी एक ऐसी घटना मिलती है। कोई ऐसा इनसान था जो शहर के इंतजाम में लगा हुआ था। उसको किसी ने बताया कि यहां पर संत महापुरुष दादू भगत हैं। उसके मन में आया चलो उनके दर्शन करते हैं, जीवन का बहुत समय माया में व्यतीत कर दिया, अब कुछ भक्ति के मार्ग पर लगना चाहिए। ऐसा विचार करके वह अपने घोड़े पर सवार होकर चल पड़ा। आगे जब बढ़ा, रास्ते में एक इनसान को देखा जो कुछ झाडि़यां वगैरा काट रहा था। उसको पूछता है कि यहां पर दादू भगत रहते हैं, वे किधर हैं? उस व्यक्ति ने सुना नहीं और झाडि़यां काटने में मस्त रहा। उसने फिर पूछा कि मुझे रास्ता बताओ कि भगत कहां रहता है, फिर भी उसने जवाब नहीं दिया।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App