दिल्ली से जम्मू-कश्मीर तक छापे, गन लाइसेंस घोटाले में सीबीआई की 40 जगहों पर रेड

By: Jul 25th, 2021 12:10 am

 20 गन हाउस खंगाले,  2012 के बाद से जारी किए दो लाख से अधिक अवैध लाइसेंस

 दो सालों में देशभर में 22,805 लाइसेंस बांटे

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

गन लाइसेंस घोटाले में सीबीआई ने शनिवार सुबह दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक 40 ठिकानों पर छापामारी की। सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि जांच के तहत जम्मू, श्रीनगर, ऊधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला और दिल्ली में आईएएस अधिकारियों, करीब 20 गन हाउस सहित लोकसेवकों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापे मारे गए। सीबीआई अधिकारियों ने सीआरपीएफ की मदद से सुबह से कश्मीर संभाग के 12 और जम्मू संभाग के 10 ठिकानों पर छापामारी की। जांच एजेंसी ने दो सीनियर आईएएस अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया है। इसमें शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार शामिल हैं।

दोनों पर दो लाख फर्जी गन लाइसेंस जारी करने के मामले में शामिल होने का आरोप है। बता दें कि 2012 के बाद से जम्मू-कश्मीर से दो लाख से अधिक बंदूक लाइसेंस अवैध रूप से जारी किए गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा गन लाइसेंस रैकेट माना जाता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर गन लाइसेंस जारी करने के मामले में देश में टॉप पर है। यहां 2018 से 2020 तक सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस जारी किए गए। इन दो सालों में देशभर में 22,805 लाइसेंस जारी किए, इनमें से 18,000 अकेल जम्मू-कश्मीर में जारी हुए। यानी देश के 81 फीसदी लाइसेंस यहां बांटे गए। सीबीआई ने मार्च, 2020 में कुपवाड़ा के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव रंजन और इतरित हुसैन रफीकी को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने 2018 में जम्मू-कश्मीर पुलिस से बंदूक लाइसेंस रैकेट की जांच अपने हाथ में ले ली थी। पुलिस प्राथमिकी रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2016 के बीच जम्मू-कश्मीर जिलों के विभिन्न उपायुक्त ने धोखाधड़ी और अवैध रूप से पैसे कमाने के बदले थोक हथियार लाइसेंस जारी किए। वर्ष 2017-18 में बंदूक लाइसेंस रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाया कि प्रदेश से धोखाधड़ी कर विभिन्न जिला अधिकारियों की ओर से हजारों लाइसेंस जारी किए गए।


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