ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर घमासान, केंद्र सरकार के बयान के बाद गरमाई सियासत

By: Jul 22nd, 2021 12:12 am

राज्यों ने जब आंकड़ा ही नहीं दिया, तो क्या करें

भाजपा ने केंद्र की जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है, संसद में सरकार की ओर से आए इस जवाब के बाद सियासी घमासान छिड़ गया है। विपक्षी दलों ने सरकार के ऊपर कई आरोप लगाए हैं। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों पर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केंद्र कह रहा है कि किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई हो, इस पर आंकड़ा नहीं भेजा।

 किसी ने भी नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है, इसलिए इसके आंकड़े नहीं हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया बताएं कि क्या आपकी सरकार ने केंद्र को जो आंकड़े दिए हैं, उसमें से एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है, ऐसा लिखकर दिया है क्या। भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए संबित पात्रा ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, संजय राउत समेत दूसरे नेताओं पर कई आरोप जड़ दिए। संबित पात्रा ने कहा कि वैक्सीन हो या महामारी हर विषय में झूठ और भ्रम फैलाना इनकी आदत है।

केंद्र ने दिल्ली सरकार को ऐसे आंकड़े रखने से रोका

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने खोली व्यवस्था की पोल

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से कई कोरोना रोगियों की मौतें हुई हैं। अगर ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई थीं, तो अस्पताल ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट क्यों जा रहे थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद, खासतौर से दिल्ली में हजारों लोगों की जान बची। अगर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दखल नहीं देते, तो बहुत भयावह स्थिति हो सकती थी। सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र के जिस कोविन पोर्टल पर कोरोना का डाटा दर्ज किया जाता है, वहां

ऐसा कोई कॉलम नहीं होता, जहां यह लिखा जा सके कि मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई और न ही केंद्र सरकार ऐसा डाटा राज्य सरकारों से मांगता है। फिर भी दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ  से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा निश्चित करने के लिए कोशिश की थी, जिसे केंद्र सरकार ने रुकवा दिया। आक्सीजन की कमी से दिल्ली में जो मौतें हुई हैं, उनके परिजनों को पांच लाख मुआवजा देने के लिए हमने कमेटी बनाई थी, लेकिन ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने न आए, इसलिए एलजी द्वारा दिल्ली सरकार की बनाई गई समिति भंग करवाई गई थी। उन्होंने केंद्र को नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक न छिड़के, जिनके परिवार में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है।


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