श्री शिव चालीसा

By: Jul 17th, 2021 12:27 am

-गतांक से आगे…

नमो नमो जय नमः शिवाय।

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जो यह पाठ करे मन लाई।

ता पर होत है शम्भु सहाई॥

ऋनियां जो कोई हो अधिकारी।

पाठ करे सो पावन हारी॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ 36।।

पण्डित त्रयोदशी को लावे।

ध्यान पूर्वक होम करावे॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।

ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे।

अन्त धाम शिवपुर में पावे॥ 40।।

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।

जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही

पाठ करौं चालीसा।

तुम मेरी मनोकामना

पूर्ण करो जगदीश॥

मगसर छठि हेमन्त ऋतु

संवत चौसठ जान।

अस्तुति चालीसा शिवहि

पूर्ण कीन कल्याण।।

 -समाप्त


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