आपदा तंत्र मजबूत हो

By: Jul 14th, 2021 12:05 am

इनसान ने विज्ञान के क्षेत्र में बेशक खूब तरक्की कर ली है, लेकिन प्राकृतिक आपदाएं अपना ताडंव करके इनसान को अहसास दिलाती हैं कि कुदरत के आगे इनसान अभी भी बौना है। हर साल बरसात के मौसम में देश के विभिन्न राज्य बाढ़ की चपेट में आते हैं, लेकिन न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकारें इस आपदा से निपटने के लिए पहले से कमर कस कर रखती हैं। जब बरसात आफत बनती है तो सरकारें और प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागकर इस पर मुआवजे और सांत्वना का मलहम लगाकर अगले मानसून तक लंबी तान के सो जाते हैं। बाढ़ के कहर और परेशानियों से देश के हर शहर और गांव को बचाने के लिए सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा


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