हमें संसार नहीं…भगवान को पकडऩा है

दिव्य हिमाचल ब्यूरो- ऊना
गुरु के दिखाए मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कभी अधर में नहीं रहता। वह अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचता है। यह बात राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने गुरुवार को श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर चल रहे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कहीं। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि प्रभु भक्ति के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में जरूर समय निकालना चाहिए। हमें यह मनुष्य जीवन केवल प्रभु भक्ति के लिए ही मिला है, लेकिन संसार में हम लोभ, मोह व माया में लिप्त होकर अपने कर्म को ही भूल रहे है। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि अंतिम समय केवल प्रभु का किया हुआ भजन ही काम आएगा। बाकि सब कुछ यहीं रह जाएगा। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि प्रभु भक्ति हमें अधर्म से बचा लेती है।

भगवान के समक्ष जिनके शीश श्रद्धा से झुकते हैं वे उत्कर्श को प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि बिना धर्म के जो अर्थ प्राप्त होता है, उससे अनर्थ निश्चित है। धर्म का शीतल जल ही मनुष्य के आसपास धधकती तृष्णा की ज्वाला को शांति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि प्रभु की भक्ति में वह चमत्कार है जो अन्यत्र दुर्लभ है। इंद्रियगत विषयों के रस में अरुचि एवं तीव्र वैराग्य साधना की प्रथम सीढ़ी है। माता-पिता का आशीर्वाद समस्त सुखों की जननी है। हमारी दुर्बलताएं ही हमें आगे नहीं बढऩे देती। जो ब्रह्म का आश्रय लेते हैं वे काम के अधम कीचड़ में नहीं गिरते। मन की धारा में बह जाने वाले प्राणी अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। हमें संसार को नहीं भगवान को पकडऩा है। क्योंकि संसार में जिसे भी पकड़ा है, अंत में उसे छोडऩा ही पड़ेगा।