Tokyo Olympics : पांच स्वर्ण जीतकर सबसे सफल तैराक बने अमेरिका के सेलेब ड्रेसेल

By: Aug 2nd, 2021 12:05 am

टोक्यो – अमेरिका के सेलेब ड्रेसेल रविवार को समाप्त हुई तैराकी प्रतियोगिताओं में छह स्पर्धाओं में से पांच में स्वर्ण पदक जीतकर टोक्यो में सबसे सफल तैराक साबित हुए। ड्रेसेल ने कुल छह स्पर्धाओं में हिस्सा लिया और पांच में स्वर्ण पदक जीते। आज सुबह की पहली रेस में ड्रेसेल ने पुरुष 50 मीटर फ्री स्टाइल में जीत हासिल की। मौजूदा विश्व चैंपियन ने 21.07 सेकंड का समय लेकर नया ओलम्पिक रिकॉर्ड बनाया। ड्रेसेल फ़्रांस के फ्लोरेंट मनौदा से 0.48 सेकंड आगे रहे। ब्राजील के ब्रूनो फ्रेटस ने 21.57 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता।

24 वर्षीय ड्रेसेल ने रविवार के फ़ाइनल से पहले 100 मीटर फ्रीस्टाइल और बटरफ्लाई तथा 4 गुना 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में स्वर्ण पदक जीते थे। ड्रेसेल ने अमेरिका को एक घंटे बाद चार गुना 100 मीटर मेडले रिले में अपना विश्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीतने में अहम् भूमिका निभायी। अमेरिकी चौकड़ी ने तीन मिनट 26.78 सेकंड का समय लिया और 2009 में बनाये गए 3:27.28 के समय में 0.5 सेकंड का सुधार किया। ब्रिटेन ने तीन मिनट 27.51 सेकंड का समय लेकर रजत और इटली ने 3:29.17 का समय लेकर कांस्य पदक जीता।

अमेरिका ने 1960 के बाद से हर ओलम्पिक में हिस्सा लेते हुए तैराकी में स्वर्ण पदक जीता है और यह उसका 15 वां ओलम्पिक खिताब था। ड्रेसेल की तरह ऑस्ट्रेलिया की एमा मैकॉन ने महिलाओं की 50 मीटर और 100 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्णिम डबल पूरा किया। उन्होंने 50 मीटर फ्रीस्टाइल में मौजूदा विश्व रिकॉर्डधारी स्वीडन की साराह जोएस्ट्रोम को 0.26 सेकंड से पीछे छोड़कर 23.81 सेकंड में स्वर्ण जीता।

इस रेस के कुछ देर बाद ऑस्ट्रेलिया ने गत चैंपियन अमेरिका को पीछे छोड़कर महिलाओं की चार गुना 100 मीटर मेडले रिले का स्वर्ण अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलियाई चौकड़ी ने 3:51.60 का समय लेकर नया ओलम्पिक रिकॉर्ड स्थापित किया। अमेरिका को दूसरा और कनाडा को तीसरा स्थान मिला। मैकॉन की टोक्यो में सफल यात्रा में यह सातवां पदक था। उन्होंने 50 मीटर और 100 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण और चार गुना 100 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण जीते तथा तीन कांस्य पदक भी हासिल किये। मैकॉन इस तरह एक ओलम्पिक खेलों में सात पदक जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गयी हैं। इससे पहले यह उपलब्धि सोवियत संघ की कलात्मक जिम्नास्ट मारिया गोरोखोवस्काया को हासिल थी जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलम्पिक में यह कारनामा किया था।


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