ओटीपी शेयर न की, तब भी खतरा

साइबर सेल कुल्लू ने सुलझाए ठगी के आठ मामले, ठगी का शिकार हुए लोगों की राशि करवाई वापस शातिरों से

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
जिला कुल्लू पुलिस के साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्हें ठगी होने से बचा लिया है। बता दें कि जिला कुल्लू पुलिस का साइबर सेल लगातार साइबर अपराधियों पर नजर रखे हुए हैं। लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी पुलिस द्वारा किया जा रहा है। इसके बावजूद भी ठगी के मामले बेहद बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में अगस्त माह में जिला कुल्लू में कुछ शिकायतें दर्ज हुईं, जिन पर साइबर सेल कुल्लू ने समय रहते कार्रवाई की और आठ शिकायतों में शिकायतकर्ताओं के 125840 रुपए वापस बैंक खातों में पहुंचा दिए हैं।

एसपी कुल्लू गुरदेव शर्मा ने बताया कि ज्यादातर यह देखने में आया कि आजकल साइबर अपराधी साइबर अपराध करने के लिए हर किसी के मोबाइल पर टैक्सट मैसेज भेजते हैं। जिसमें लिखा गया होता है कि उनका बीएसएनएल का या एयरटेल का या जियो का सिम कार्ड बंद हो रहा है और उसको तुरंत अपडेट करवाएं अन्यथा सेवाएं बंद हो जाएंगी और मैसेज में ही बात करने के लिए अपराधी ने अपना एक नंबर भी दिया होता है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग जाने अनजाने में उस नंबर पर कॉल बैक कर देते हैं, ताकि वो अपना सिम कार्ड चालू रख सकें और फिर वो अपराधी उक्त व्यक्ति से बात करके एक क्विक स्पोर्ट नामक एप्प डाउनलोड करवाता है और उसके माध्यम से विक्टिम के मोबाइल का कंट्रोल हासिल कर लेता है। इस तरह का अपराध करने में अपराधी को ओटीपी लेने की आवश्यकता भी नहीं रहती और जाने-अनजाने में बहुत सारे लोग यह समझते हैं कि उन्होंने कोई ओटीपी तो शेयर नहीं किया इसलिए उनसे ठगी नहीं होगी, परंतु वो ठगी का शिकार हो चुके होते हैं और उन्हें तब पता चलता है जब वो अपना बैंक बैलेंस चैक करते है साइबर सेल इंचार्ज ने बताया कि ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

ठगी होने पर जल्द से जल्द करें रिपोर्ट
साइबर इंचार्ज ने यह भी बताया कि साइबर अपराध में जितनी जल्दी हो सकता है रिपोर्ट करें। अगर पंद्रह से बीस मिनट के अंदर पुलिस को इंफार्म कर देते हैं, तो पैसे बचाने की संभावना ज्यादा रहती है। एसपी ने कहा कि व्हाट्सऐप के माध्यम से भी कुल्लू जिला के शिकायतकर्ता मोबाइल नंबर 8219681731, 8219681732 पर अपने साथ हुई ठगी की रिपोर्ट कर सकते हैं, परंतु साथ ही साथ पुलिस थाना में शिकायत करें और संबंधित बैंक से अपनी पासबुक की कॉपी का अपडेट भी हासिल करें।