डाक्टर. शिव कुमार को सलाम… अब एसपी बने

मुकेश कुमार-सोलन
मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री कांड का भंडाफोड़ करने व इस विवि के चेयरमैन राजकुमार राणा के अभेद्य दुर्ग में सेंध लगाने वाले पुलिस अधिकारी डा. शिव कुमार अब पुलिस अधीक्षक के रैंक पर पहुंच गए हैं। डा. शिव कुमार एक ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने बचपन की आर्थिक दुष्वारियों से लोहा लेते हुए न केवल छात्रवृत्तियों व सहपाठियों के सहयोग से उच्चतम शिक्षा प्राप्त की अपितु डीएसपी रैंक से लेकर एसपी रैंक का तगमा बड़ी ही ईमानदारी व समर्पित सेवभाव से हासिल किया। डा. शिव कुमार वर्तमान में एसपी रैंक पर पदोन्नत होकर कमांडेंट होमगार्ड के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। मूल रूप से घुमारवीं तहसील के दधोल गांव के निवासी डा. शिव कुमार ने आर्थिक तंगी के बावजूद बीएससी की परीक्षा में पूरे प्रदेशभर में टॉप किया। उसके बाद एमएससी, एमफिल व जेआरएफ टेस्ट उत्तीर्ण करके छात्रवृत्तियों के दम पर ही पीएचडी तक की शिक्षा ग्रहण की।

इसके साथ-साथ ही उन्होंने एमए पुलिस प्रशासन व पत्रकारिता में मास्टर की डिग्री भी हासिल की। वर्ष 2007 में एचपीएस की परीक्षा पास करके वह पुलिस अधिकारी बने तथा प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ कैडेट (पासिंग आउट) का खिताब भी मिला। अपने कार्य के प्रति सजग रहने वाले डा. शिव कुमार को मिस्ट्री मामलों को सुलझाने व टेक्नोलॉजी का सटीक इस्तमाल करने के लिए भी जाना जाता है। वर्ष 2013 में धर्मपुर के ट्रिपल मर्डर केस, वर्ष 2016 में ज्वालाजी में सेवानिवृत्त एक्सईएन के ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई। कसौली में गोलीकांड में हुई एक अधिकारी की मौत के मामले में आरोपी विजय ठाकुर को 72 घंटे के भीतर ही पुलिस मथुरा से गिरफ्तार करके ले आई। उस समय भी शिव कुमार ही उस पुलिस टीम की बागडोर संभाले हुए थे। वर्तमान में होमगार्ड में कमांडेंट के पद पर रहते उन्होंने सोलन में होमगार्ड विभाग के कार्यालय भवन व आवास को निर्मित करवाने में भी अहम भूमिका निभाई है। (एचडीएम)

पीएचडी में भी रहे गोल्ड मेडलिस्ट
अपनी कार्यक्षमता के दम पर विभागीय तगमे हासिल करने में भी पुलिस अधीक्षक डा. शिव कुमार का कोई सानी नहीं है। बीएससी से लेकर पीएचडी की शिक्षा तक गोल्ड मेडल प्राप्त करने से लेकर, बेस्ट कैडेट, वर्ष 2016 में डीजीपी डिस्क अवार्ड, वर्ष 2019 में आर्मी कमांडर कामडेशन अवार्ड ले. जनरल पीसी थिमैयाा द्वारा प्राप्त करना इत्यादि उनकी कई उपलब्धियों में शुमार है।