फैसला सरकार ने लेना है, तो चयन समिति का क्या मतलब, केंद्र को सुप्रीम फटकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति की सिफारिशों में से मनमुताबिक नाम छांटने के लिए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को नियुक्तियों के लिए दो हफ्ते की समयसीमा दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि नियुक्ति पत्रों के साथ वापस आइए। यदि किसी को नियुक्ति नहीं हुई है तो इसका कारण बताइए। उन्होंने कहा कि मैंने एनसीएलटी की नियुक्तियां देखी हैं।
बहुत अधिक सिफारिशें की गईं, लेकिन नियुक्तियों में मनमुताबिक तरीके से नाम छांटे गए। यह किस तरह का चयन है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार कुछ सिफारिशों का पालन करने की हकदार है। इस दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि यह सरकार को ही आखिरी फैसला लेने जा रही है, तो चयन समिति का क्या मतलब है। सीजेआई ने कहा कि जिस तरह से निर्णय लिए जा रहे हैं, उससे हम खुश नहीं हैं।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App