एलटी-शास्त्री बनेंगे टीजीटी; शिक्षा मंत्री ने दी सहमति, अब मुख्य सचिव की कमेटी में जाएगा केस
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने दी सहमति, अब मुख्य सचिव की कमेटी में जाएगा केस
राजेश मंढोत्रा — शिमला
हिमाचल में एलटी और शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम देने पर सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। मंगलवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में एक अहम बैठक शिक्षा विभाग के लंबित मामलों पर हुई। इसमें यह भी एक एजेंडा था। इस बैठक में शिक्षा और भाषा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारी थे। बैठक में इस मांग पर सहमति बन गई है और अब इसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी में रखा जाएगा।
इस बैठक में जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए अवधि को कम करने को लेकर भी सहमति हो गई है। वर्तमान में इस ट्रांसफर के लिए 13 साल की शर्त जरूरी है। इसे कम किया जा सकता है। यही मांग काफी वक्त से ये शिक्षक कर रहे हैं। स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा दे रहे आईटी टीचर्स का मानदेय 500 रुपए बढ़ाने पर भी शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बैठक में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह मामला भी वित्त विभाग से क्लियर हो गया है और अगली कैबिनेट में रख दिया जाएगा।
बैठक के देरी से शुरू होने के कारण शिक्षा विभाग के अन्य मामले चर्चा में नहीं लिया जा सके। बुधवार को फिर से शिक्षा मंत्री ने बैठक बुलाई है और इसमें बचे हुए मामलों में भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि एसएमसी टीचर्स का मामला भी इस बैठक में लिया जा सकता है। बैठक में यह भी तय हुआ कि तीसरी से हिंदी की पुस्तक में संस्कृत के पाठ डाले जाएंगे। इससे बच्चों को संस्कृत से जोडऩे में मदद मिलेगी। सरकार संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दे चुकी है। (एचडीएम)
संस्कृत विश्वविद्यालय पर कमेटी में होगा बदलाव
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में भाजपा के स्वर्णिम दृष्टि पत्र पर भी चर्चा हुई। इस दृष्टि पत्र की 32 घोषणाओं में से 28 पर अमल हो चुका है, जो शिक्षा से संबंधित थी। जो चार मामले बचे हैं, उन पर प्वाइंट वाइज डिस्कशन हुआ संस्कृत यूनिवर्सिटी शुरू करने के फैसले पर कमेटी में बदलाव करने का निर्णय हुआ है। एनसीसी सी सर्टिफिकेट वाले बच्चों को वन टाइम स्कॉलरशिप देने पर सरकार फैसला ले सकती है, लेकिन यह मामला फायनांस को भेजा गया है। अब बुधवार की बैठक पर सब की नजरें टिकी हुई हैं।
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