एसबीआई जैसे चार से पांच बैंकों की जरूरत, वित्त मंत्री बोलीं; इकोनॉमी एक नई दिशा में, कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव

By: Sep 27th, 2021 12:06 am

वित्त मंत्री बोलीं; भारत की इकोनॉमी एक नई दिशा में, कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश के कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने रविवार को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन बैंकिंग उपस्थिति काफी कम है। वित्त मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से देश की इकोनॉमी एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है और जिस प्रकार इंडस्ट्री नई चीजों को अपना रही है, उससे कई नई चुनौतियां पैदा हुई हैं। इसको देखते हुए भारत को न सिर्फ ज्यादा संख्या में, बल्कि अधिक बड़े बैंकों की जरूरत है। वित्त मंत्री की मानें तो भारत को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के आकार के चार या पांच अन्य बैंकों की जरूरत है।

इकोनॉमी और इंडस्ट्री में हाल में आए बदलावों की पृष्ठभूमि में जिस प्रकार से वास्तविक्ताएं बदली हैं, उन्हें पूरा करने के लिए हमें बैंकिंग का विस्तार करने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह डिजिटलीकरण और प्रयासों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज बैंकों का बही-खाता अधिक साफ-सुथरा है। इससे सरकार पर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का बोझ कम होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी को बैड बैंक नहीं कहा जाना चाहिए, जैसा अमरीका में कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों को तेज-तर्रार बनने की जरूरत है, उन्हें प्रत्येक इकाई की जरूरत को समझना होगा कि जिससे 400 अरब डालर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

हर गली-मोहल्ले में बैंकिंग सेवा की जरूरत

सीतारमण ने बैंकों से कहा कि वे अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें। उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे यह तय कर सकते हैं कि गली-मोहल्ले में छोटे स्तर के मॉडल के जरिए कहां पर बैंकिंग मौजूदगी दर्ज कराने की जरूरत है।


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