ठेरे वाली माता मंदिर

By: Sep 18th, 2021 12:26 am

हिमाचल प्रदेश में देवी-देवताओं का वास होने के कारण देवभूमि के नाम से जाना जाता है। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की तहसील जवाली के गांव ठेहडू में स्थित है, जिसे ठेरे वाली माता के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर लब-जौंटा मार्ग पर स्थित है। पठानकोट-मंडी नेशनल हाई-वे पर जौंटा से इसकी दूरी लगभग12 किलोमीटर है और जसूर-जवाली मार्ग पर लब से इसकी दूरी करीबन 11 किलोमीटर है। यह मंदिर आंवल पंचायत के ठेहडू में स्थित है। कथानुसार वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान की लड़ाई लगी थी और बंगलादेश को आजाद करवाया गया था, उस समय सरकार द्वारा पूरे भारत देश में ब्लैकआऊट घोषित कर दिया था, लेकिन इस मंदिर के पास एक गद्दी समुदाय के लोगों का डेरा बैठा हुआ था और डेरे में आग जली हुई थी। जब पाकिस्तान का जहाज इस रास्ते से गुजरा और आग देखी तो ठेहडू में गद्दी समुदाय के लोगों पर बम फैंकने शुरू कर दिए। उस समय ठेरे वाली माता ने उन लोगों की रक्षा करते हुए अपना एक हाथ गंवा दिया था और गद्दी समुदाय के लोगों को बचा लिया। आज भी इस मंदिर की काफी आस्था है। दूर-दूर से लोग माता रानी से मन्नत मांगने आते हैं तथा माता रानी उनकी मन्नत को पूरा करती है। माता रानी सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना को अवश्य पूरा करती है। दूर-दूर से लोग माता रानी के दर्शनों के लिए आते हैं।

– सुनील दत्त, जवाली


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App