पराशर को मौज का केंद्र नहीं बनने देंगे

By: Sep 13th, 2021 12:23 am

पंचायत प्रतिनिधियों ने एसी टू डीसी को सौंपा मांगपत्र; धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ रोकने की मांग, पंचायत की अनुमति से किए जाएं नवनिर्माण

हरीश ठाकुर-कटौला
एक तरफ प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रही है और दूसरी तरफ यह धार्मिक स्थल लोगों के लिए मौज मस्ती का केंद्र बनते जा रहे हैं। मंडी जिला का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पराशर भी इन दिनों कुछ ऐसी ही मौज मस्ती का केंद्र बना हुआ है। शेगली पंचायत की प्रधान विमला देवी, उपप्रधान छप्पे राम, बार्ड मेंबर सूरन हरीश चंद्र, वार्ड मेंबर सोलंग नीला देवी, वार्ड पंच बाहड़ा देवी सिंह, वार्ड पंच बागी प्रोमिला, वार्ड पंच सेगली गोकला देवी, वार्ड मेंबर हलगढ़ तापे राम ने चिंता जताई है। समस्त पंचायत प्रतिनिधिमंडल ने एसी टू डीसी को पराशर झील हो रही दूषित विषय को लेकर मांग पत्र सौंपा है। उन्होंने पराशर जैसे धार्मिक स्थल के साथ हो रही छेड़छाड़ को रोकने की गुहार लगाई है। सेगली पंचायत की प्रधान विमला देवी व उपप्रधान छप्पे बताया कि पराशर में जितने भी नव निर्माण कार्य शैली पंचायत की अनुमति के बिना नहीं किए जाएं। पराशर में तार के अंदर मंदिर परिसर में कोई भी दुकान और होटल व ढाबा नहीं खोले जाएं और पराशर मंदिर परिसर के नजदीक कोई भी शौचालय न हो, जो स्नान घर भी बनाया गया है उसको बंद किया जाए तथा भगवान देव पराशर ऋषि के तपोस्थली पराशर में हर वर्ष में तीन मेले होते हैं।

इसलिए दुकान होटल व अन्य गतिविधियां केवल अल्पकाल के लिए अस्थायी रूप में ही टैंट द्वारा ही खोले जाएं। शेगली पंचायत की प्रधान विमला देवी ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पराशर में कुछ लोग पिकनिक स्पॉट समझ कर आते हैं और शराब पीते हैं जो कि ठीक नहीं और मंदिर परिसर में प्रवेश करना देव परंपराओं और सनातन धर्म शास्त्र के अनुसार उचित नहीं है। क्योंकि इसके कारण धार्मिक आस्था आहत हो रही है। देव पराशर के मंदिर के नजदीक सभी शौचालय बंद किए जाएं तथा शौच आदि अपवित्र गतिविधियां तार के बाहर बने शौचालय में ही किए जाएं ताकि देव पराशर मंदिर व मंदिर परिसर में साफ सफाई, स्वच्छता, पवित्रता और गुणवत्ता बनी रहे। पराशर में झील के समीप नहाना भी वर्जित अथवा बंद किया गया है क्योंकि नहाने का गंदा पानी पवित्र झील में प्रवेश करता है, जिसके कारण झील की पवित्रता और शुद्धता पर बुरा प्रभाव और झील का पानी प्रदूषित हो रहा है। सुखासर से आगे और लंबाडाल से आगे शराब पीना बिल्कुल वर्जित है। विमला देवी का कहना है मंदिर के समीप सभी दुकानें बंद की जाएं और देवता के लिए प्रसाद व अन्य कोई भी दुकान मंदिर के आसपास नहीं होनी चाहिए और मंदिर परिसर के समीप बनाई हुई रसायें भी देवता के देवलुओं के लिए बनाई गई हैं। घूमने फिरने वाले अगर वहां ठहरते भी हैं तो उनको सराएं में ठहरने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं और श्रद्धालुओं को ठहरने की व्यवस्था नि:शुल्क हो।


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