किसानों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

स्टाफ रिपोर्टर — रोहड़ू
संयुक्त किसान मंच की कार्यकारिणी की बैठक गुरुवार को जुब्बल में संयोजक सुखदेव चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में राज्य संयुक्त किसान मंच के संयोजक व किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तनवर विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में आगामी समय में मंच किसानों के मुद्दों को लेकर किस प्रकार से भविष्य मे कार्य करेगी, इस पर चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा किसानों के हितों पर हो रहे हमले पर गंभीरता से चर्चा की गई।

सरकार इस हद तक किसान के हितों को नजरअंदाज कर रही है कि मंच द्वारा 24 अगस्त, 2021 को सरकार को मांगपत्र भेजा था और 13 सिंतबर, 2021 को 13 मांगों को लेकर एक ज्ञापन ब्लॉक, तहसील, उपमंडल व जिला स्तर से सरकार को भेजा गया था परंतु सरकार ने आज तक न तो मंच को बातचीत के लिए बुलाया और न ही किसानों की इन मांगों पर गौर तक किया है। सरकार के इस किसान विरोधी रवैये के विरुद्ध 27 सितंबर, 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर प्रदेश में भी संयुक्त किसान मंच ने अपनी मांगों को लेकर बंद व प्रदर्शन किए गए। परंतु फिर भी सरकार ने किसानों की मांगों पर आज तक गौर नहीं कर रही है। बैठक में राजिंदर तेजटा, घनश्याम मांटा, ईश्वर, अजय दुल्टा, भवानी सिंह मौजूद रहे। बैठक में एकमत से निर्णय लिया गया कि सरकार के इस किसान विरोधी रवैये के विरुद्ध भविष्य में आंदोलन तेज किया जाएगा और निर्णय लिया गया कि प्रदेश में हो रहे उपचुनाव सरकार से जवाब मांगा जाएगा कि क्यों सरकार द्वारा किसानों की मांगों पर आज तक गौर नहीं किया गया है।

मंच पूरे प्रदेश में किसानों की मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में पोस्टर व किसानों की बैठकों के माध्यम से सरकार के इस किसान विरोधी रवय्ये के लिए विरोध स्वरूप जवाबदेही की मांग करेगी। निर्णय लिया गया कि भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच हिमाचल प्रदेश द्वारा भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनस्र्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) को लागू करने की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन का संयुक्त किसान मंच समर्थन करता है तथा 22 अक्तूबर, 2021 को मंडी में होने वाले प्रदर्शन में भी भाग लेगा। प्रदेश के अन्य हिस्सों में धानए गेंहूए मक्की व अन्य फसलों के लिए प्रदेश में मंडियां स्थापित कर इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देकर खरीद करे। विभिन्न किसान संगठनों के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलनों का भी समर्थन करती है और सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरुद्ध सभी किसान संगठनों को एकजुट कर इस आंदोलन को और मजबूत करने का निर्णय लिया।