प्रति एक लाख आबादी पर 0.3 मनोचिकित्सक

By: Oct 15th, 2021 12:12 am

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सहायक प्राध्यापक डा. सौरभ बोले, यूरोप में मानसिक स्वास्थ्य कार्यबल प्रति लाख पर लगभग 50 है

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-सोलन
महर्षि मारर्कंडेश्वर मेडिकल कालेज और अस्पताल, कुमारहट्टी-सोलन के मनोचिकित्सा विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया। इस वर्ष का विषय एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य था। कार्यक्रम में संकाय सदस्य, पीजी छात्र, इंटर्न और यूजी छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों प्रो. डॉ. एसएस मिन्हास, कुलपति, एमएमयू, सोलन, अजय सिंघल, रजिस्ट्रार, एमएमयू, सोलन, डा. रवि चंद शर्मा, प्राचार्य, एमएम मेडिकल कालेज और अस्पताल, डा. आरके शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक, डा. मनप्रीत नंदा, उप चिकित्सा अधीक्षक और डा. संतोष मिन्हास डीन छात्र कल्याण दीप प्रज्ज्वलन से की। डा. सौरभ यखमी सहायक प्रोफेसर, मनोचिकित्सा विभाग ने एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक व्याख्यान दिया।

उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीडि़त लोगों की संख्या की तुलना में देश में मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों की कमी के बारे में बात की। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यूरोप में मानसिक स्वास्थ्य कार्यबल प्रति 100,000 जनसंख्या पर लगभग 50 है जबकि भारत में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 0.3 मनोचिकित्सक, 0.12 नर्स और 0.07 मनोवैज्ञानिक हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण का अनुमान है कि भारत में लगभग 150 मिलियन व्यक्ति किसी न किसी मानसिक रुग्णता से पीडि़त हैं। 40 में से 1 और 20 में से 1 व्यक्ति क्रमश: अतीत और वर्तमान अवसाद से पीडि़त हैं। 40-49 वर्ष के आयु वर्ग में और शहरी महानगरों में रहने वाली महिलाओं में अवसाद अधिक पाया गया। मानसिक विकारों वाले व्यक्तियों को कलंकित किया जा रहा है। डा. पारुल शर्मा, प्रोफेसर और प्रमुख, मनोचिकित्सक ने बताया कि कोविड के बाद अवसाद, चिंता, पैनिक डिसऑर्डर, मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकार व्यापक हो गए हैं। स्कूल और कालेजों के बंद होने के कारण जो बच्चे और किशोर अपने घरों तक सीमित थे, वे उपरोक्त समस्याओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। डा. रवि चंद शर्मा, प्रिंसिपल और प्रोफेसर ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और मानसिक स्वास्थ्य में असमानताओं में योगदान देने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।


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