वाहन योग्य सड़क थी तो टल गया बड़ा अग्निकांड

अग्नि ने अतिक्रमण करने वाले लोगों को रौद्र रूप से दिखाया आईना

गौरव जैन—सुजानपुर
कहते हंै सड़कें मानव जीवन की भाग्य रेखाएं है और इसमें कोई दो राय भी नहीं है। इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब सुजानपुर में भीषण अग्निकांड पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची। दमकल विभाग की गाड़ी इसलिए समय पर पहुंच सकी, क्योंकि यहां की सड़क पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं था।ऐसे में त्वरित प्रभाव से राहत बचाव कार्य शुरू हुआ। हालांकि अकसर देखा जाता है कि अतिक्रमण से सड़कें सिकुड़ी रहती हैं। आखिरकार अतिक्रमण से सिकुड़ रही सड़कों के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वे जिम्मेदार हैं, जिन्होंने अतिक्रमण किया है या फिर प्रशासनिक अमला जो अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के बड़े दावे करता है।

चाहे जो भी हो लेकिन सुजानपुर में हुए भीषण अग्निकांड ने उन लोगों को आईना दिखा दियाया, जो अतिक्रमण कर सड़क का आकार कम कर रहे हैं। यदि सुजानपुर के वार्ड नौ को जाने वाली सड़क पर भी ऐसा हुआ होता, तो निश्चित तौर पर फायर ब्रिगेड का वाहन मौके पर नहीं पहुंचता तथा अग्निकांड में कितना नुकसान हो जाता इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता। लोगों को इस बात का भी एहसास हो गया कि मुख्य सड़कें, चौक चौराहे एवं मोहल्ले को जाने वाली सड़क क्यों वाहन चलने योग्य बनाई जानी चाहिए। अक्सर ऐसा देखा गया है कि शहर एवं गांव में सड़क एवं गलियां अतिक्रमण के चलते पूरी तरह सिकुड़ी हुई पाई गई हैं। यही कारण है कि जब कभी कहीं पर आगजनी या अन्य कोई घटना घटित होती है, तो सहायता स्वरूप पहुंचने वाले वाहन जिसमें रोगी, वाहन दमकल वाहन शामिल हैं वह नहीं पहुंच पाते हैं और नॉर्मल होने वाली घटना भी भयंकर रूप धारण कर लेती है। बुधवार देर रात्रि सुजानपुर में आगजनी की घटना इसका एक ताजा उदाहरण है, जहां गली इतनी खुली थी उसकी चौड़ाई बड़े वाहन योग्य बनाई गई थी। आगजनी की घटना जैसे ही घटी पलक झपकते ही विभाग की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंच गई और विभागीय टीम ने पलक झपकते ही हरकत में आते हुए आगजनी की लपटों को शांत किया। अगर यह गली अतिक्रमण के जद में होती, तो शायद आगजनी की घटना एक भयंकर रूप धारण कर लेती और कई दुकानें इसकी चपेट में आ जातीं।