पेट्रोल-डीजल के बाद अब प्याज-टमाटर के बढ़े रेट
शिमला शहर में लोगों को पड़ रही महंगाई की दोहरी मार
सिटी रिपोर्टर-शिमला
शिमला शहर में लोगों पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है। जहां एक ओर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होता है, वहीं अब टमाटर से लेकर प्याज ने भी लोगों के आंसू निकाल दिए है । एक सप्ताह के भीतर प्याज और टमाटर के दामों में भारी उछाल के कारण लोगों की रसोई में महंगाई का तड़का लगने लगा है। परिवहन खर्चा बढऩे और मैदानी इलाकों में मानसून में जोरदार बरसात के चलते प्याज की फसल खराब होने से रेट बढ़े हैं।
एक सप्ताह के भीतर प्याज में 20 रुपए की बढ़ोतरी के साथ ही दाम 50 रुपए और टमाटर में करीब 30 रुपए की बढ़ोतरी के साथ दाम 60 से 65 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए है। इन दिनों बाहरी राज्यों से टमाटर की खेप शिमला नही पहुंच पा रही है, जबकि लोकल टमाटर तो मंडी पहुंच रहा है। लेकिन लोकर टमाटर के डिमांड पूरी न करने के चलते टमाटर काफी महंगा बिक रहा है। इसके अलावा सब्जियां भी इन दिनों काफी महंगी हो गई है। बरसात के चलते लोअर बाजार की सब्जी मंडी में टमाटर और प्याज के अलावा सब्जियों की आमद पहले की अपेक्षा कम हो गई है। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि बरसात की वजह से मंडी में दिनों के मुकाबले कम सब्जियां पहुंच रही हैं। इसके चलते दाम बढ़े हैं। आगामी दो महीने तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। शिमला फल एवं सब्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष भीषेश्वर नाथ ने बताया कि बरसात के कारण सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि निचले क्षेत्रों से अभी नई फसल की सब्जियां आने में एक महीने तक का समय लग जाएगा, ऐसे में अगले महीने या दिवाली के दौरान ही सब्जियों के दाम कम होने की संभावना है।
उपनगरों में मंडी से अधिक हैं सब्जियों के दाम
शिमला के उपनगरों में इन दिनों सब्जी विके्रता हर सब्जी पर 10 से 20 रुपए अधिक वसूल रहे है। संजौली, लक्कड़ बाजार, कुसुम्पटी, विकासनगर सहित अन्य उपनगरों में लोगों को महंगी सब्जियों का स्वाद चखना पड़ रहा है। लोगों के घरों में 50 से 60 रुपए में केवल एक ही समय की सब्जी बन पा रही है। ऐसे में महंगी सब्जियों ने गृहिणियों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। लोग बाजार में अधिक सब्जी की जगह आधा-आधा किलो सब्जियां खरीद रहे हैं।
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